लखनऊ: गाजीपुर में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के बेहद उग्र होने के बाद भड़की हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश प्रताप वत्स की हत्या के मामले में 102 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से अभी तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के भय से प्रदर्शन में शामिल निषाद पार्टी के कार्यकर्ता इधर-उधर घर छोड़कर फरार हैं।
निषाद पार्टी के लोगों ने जाम लगाया
पुलिस लाइन स्थित सभा कक्ष में एडीजी ने पत्रकारों से कहा कि पीएम मोदी की सभा समाप्त होने के बाद करीमुद्दीनपुर थाना पुलिस के लौटने के दौरान थानाध्यक्ष को आदेश दिया गया था कि कठवामोड़ पुल के पास आरक्षण की मांग को लेकर निषाद पार्टी के लोगों ने जाम लगाया है, उन्हें समझा कर जाम समाप्त कराया जाए। इस पर पुलिस वहां पहुंची और जाम समाप्त कराने के लिए लोगों को समझाने लगी। इसी बीच लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव में करीमुद्दीनपुर थाना पर तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट लगने से मौत का कारण स्पष्ट हुआ है। हत्या के मामले में नोनहरा थाना में 32 नामजद और डेढ़ सौ अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसके अलावा विभिन्न धाराओं में दो थाना क्षेत्र में चक्काजाम करने के मामले में साढ़े तीन सौ अज्ञात और चार नामजद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
रासुका की कार्रवाई की जाएगी
हत्या के मामले में 11 और सुहबल व करंडा थाना क्षेत्र में चक्काजाम में करने के मामले में निषाद पार्टी के नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी को चिन्हित किया जा रहा है। उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी।
एडीजी व आइजी ने दिया कंधा, नम आंखों से विदाई
प्रतापगढ़ के रानीगंज थाना क्षेत्र के लच्छीपुर गांव निवासी हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स के के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के उपरांत शव पुलिस लाइन लाया गया। यहां सुरेश को अंतिम सलामी देने के साथ ही श्रद्धांजलि दी गई।