लखनऊ: पूर्व सांसद अतीक अहमद को देवरिया जेल से बरेली जेल स्थानान्तरित करने का आदेश जारी कर दिया गया है। अतीक अहमद पर देवरिया जेल में बेटे संग लखनऊ से जमीन कारोबारी को अगवा कर पिटाई करने का आरोप है। कारोबारी मोहित ने कृष्णनगर में अतीक के खिलाफ 29 दिसम्बर को एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में डिप्टी जेलर समेत चार जेल कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
मोहित से उनके पारिवारिक रिश्ते
वहीं सोमवार दोपहर देवरिया जेल में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और बहन सहला खान ने उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद बाहर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए पत्नी शाइस्ता परवीन ने रीयल इस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल द्वारा अतीक पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि मोहित से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। कारोबार में वह जब-तब मदद लेते रहते थे। वह 26 दिसम्बर के पहले भी 4 से 6 बार देवरिया जेल में पूर्व सांसद से मिलने आ चुके हैं। मोहित ने 26 दिसम्बर को जिस तरह से अपने अपहरण और मारपीट की कहानी बताई है वह सरासर मनगढंत है।
मोहित के कारोबार में कई अफसरों-नेताओं के रुपए लगे
शाइस्ता ने आरोप लगाया कि मोहित के कारोबार में कई अफसरों-नेताओं के रुपए लगे हैं। उन्होंने आवास कमिश्नर रहे एक अधिकारी का नाम भी लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अफसरों-नेताओं के रुपए हड़पने के इरादे से मोहित यह आरोप लगा रहे हैं। ताकि इन सबसे डरकर कोई उनसे रुपए वापस न मांग पाए। शाइस्ता ने दावा किया मोहित जिन्हें पूर्व सांसद का गुर्गा बता रहे हैं उन्हीं के एकाउंट से उनके एकाउंट में रुपए ट्रांसफर हुए हैं। सात-आठ महीने पहले भी मोहित देवरिया जेल में पूर्व सांसद से मिलने आए थे। तब पूर्व सांसद ने घर संदेश भेजकर उन्हें रुपए दिलाए थे। उन्होंने कहा कि उनका बेटा जिस पर मोहित ने आरोप लगाया है, विदेश में पढ़ता है। मोहित से जब अच्छे रिश्ते थे तो वह कहते थे कि बेटे को बहुत मानते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगी
शाइस्ता परवीन ने कहा कि वह इस पूरे मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगी। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए।
गायब मिली CCTV फुटेज
रविवार की रात साढ़े आठ बजे जिलाधिकारी अमित किशोर तथा पुलिस अधीक्षक एन कोलांची के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अधिकारियों तथा 500 सुरक्षाकर्मियों ने जेल में तलाशी अभियान चलाया। जेल में पीएसी तैनात की गई है। डीएम ने बताया कि छापेमारी के दौरान जेल के सीसीटीवी फुटेज मिटाए जाने की बात सामने आई थी। उसके बाद जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) राकेश पटेल के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति गठित की गई थी। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सोमवार की दोपहर तक शासन को उपलब्ध करा दी।