नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक नए मॉड्यूल ‘हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम’ के खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 17 जगहों पर छापे मारे और 10 लोगों को गिरफ्तार किया। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के महानिरीक्षक (आईजी) असीम अरुण ने लखनऊ में बताया कि जांच एजेंसी की ओर से हिरासत में लिए गए 10 लोगों में से पांच को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से पकड़ा गया। उत्तर प्रदेश के एटीएस के साथ एक संयुक्त अभियान में एनआईए ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। अधिकारियों ने बताया कि पांच अन्य को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की मदद से उत्तर-पूर्व दिल्ली से हिरासत में लिया गया।
IG NIA: Level of preparation suggests their aim was to carry out explosions in near future by remote control blasts & fidayeen attacks. This is a new ISIS inspired module, they were in touch with a foreign agent. Identities are yet to be established. pic.twitter.com/7BEZvvtukE
— ANI (@ANI) December 26, 2018
10 लोगों को अरेस्ट कर लिया
उन्होंने बताया कि 16 संदिग्धों से पूछताछ के बाद 10 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय जांच एजेंसी और यूपी एटीएस ने मिलकर की है। एनआईए के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में से 5 उत्तर प्रदेश के और 5 दिल्ली के हैं। ये सभी लोग विदेश में बैठे एक हैंडलर के संपर्क में थे। एनआईए ने हैंडलर के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
एनआईए के मुताबिक इन लोगों से बड़े पैमाने पर देसी रॉकेट लॉन्चर बरामद हुए हैं। इनके पास 120 अलार्म क्लॉक मिली हैं, जिसे बम बनाने में इस्तेमाल करने वाले थे। संदिग्धों में एक महिला भी है, जिससे पूछताछ की जा रही है। अभी कई और लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है। एनआईए के मुताबिक इन आतंकियों का मुखिया मौलवी सुहैल अमरोहा का है और इन दिल्ली के जाफराबाद में रहता था। वह एक मस्जिद में मौलवी थी। अधिकतर आरोपी दिल्ली के जाफराबाद के इलाके से ही हैं।
ज्यादातर की आयु 20 से 30 साल
आईएसआईएस से प्रभावित इस मॉड्यूल में एमिटी यूनिवर्सिटी में सिविल इंजिनियरिंग करने वाला छात्र, ऑटो ड्राइवर, मौलवी, गारमेंट्स का बिजनस करने वाला युवक शामिल है। इनमें से ज्यादातर की आयु 20 से 30 साल की है। एनआईए के मुताबिक, ये संदिग्ध वॉट्सऐप और टेलिग्राम पर एक-दूसरे से करते थे। एनआईए ने बताया कि हमारे पास जो इनपुट्स हैं, उसके मुताबिक रिमोट कंट्रोल बम और फिदायीन हमलों में इनका मुख्य फोकस था। इसके लिए ये लोग बुलेट प्रूफ जैकेट्स बनाने में भी जुटे थे। 3 से 4 महीने पहले ही यह मॉड्यूल शुरू हुआ था। 100 से ज्यादा मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं। 135 सिम कार्ड्स, कई लैपटॉप और मेमोरी भी बरामद की हैं।