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भाजपा और कांग्रेस के बीच जंग में राफेल बना राजनीतिक हथियार

संसद परिसर: राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद राजनीति थम नहीं रही है। कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार को क्लीन चिट दे दिया है और इससे उत्साहित भाजपा के तीन सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। तो कांग्रेस सदस्यों ने दोनों सदनों में राफेल सौदे पर संसद के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सरकार और कानून मंत्री के खिलाफ नोटिस दिया।

राजनीतिक हथियार

जिस तरह कांग्रेस जेपीसी की मांग पर अड़ी है और भाजपा कांग्रेस का पर्दाफाश करने के लिए पूरे देश में यह बता रही है कि राहुल गांधी ने भ्रम फैलाकर सरकार ही नहीं देश और सेना को बदनाम किया है, उससे साफ है कि यह राजनीतिक हथियार है और शायद लोकसभा चुनाव तक यूं ही चलता रहेगा।

ऐसे में सोमवार को संसद के अंदर भी एक मोर्चा खुल गया है। भाजपा के अनुराग ठाकुर, निशिकांत दुबे और संजय जायसवाल ने नोटिस दिया और कहा कि राहुल गांधी ने गलत आंकड़े देकर संसद को भ्रमित किया। लिहाजा उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट को भी किया जा रहा है गुमराह 

दूसरी ओर लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से तथ्य छुपाया और देश को गुमराह किया। आजाद ने कहा कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह किया जा रहा है उसके बाद सरकार पर कोई भरोसा नहीं रहा।

राज्यसभा सभापति वैंकया नायडू ने कहा कि उन्हें नोटिस मिली है। आपसी नोंकझोंक और आरोप प्रत्यारोप के बीच सदन की कार्यवाही पूरे दिन बाधित रही।

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