रायबरेली से सुशांत त्रिपाठी : रायबरेली के कस्बे मुराईबाग में लालगंज-ऊंचाहार रोड पर बने मकानों को तोड़ने के लिए लोक निर्माण विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है। यह मामला उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ में विचाराधीन है। बावजूद विभाग ने ध्वस्तीकरण की योजना बनाई है। सड़क के दोनों ओर 60 फिट के दायरे में आने वाले निर्माण तोड़े जाने हैं। इससे लोगों में आक्रोश है। कस्बे के अशोक कुमार और श्याम मनोहर ने कहा कि जिस जमीन को PWD खाली कराना चाहता है, वहां सैकड़ों साल से आबादी बसी है। लोग रहते हैं। मुराईबाग बाजार है। कार्रवाई हुई तो बाजार नहीं बचेगा। सैकड़ों परिवार बेघर व बेरोजगार हो जाएंगे।
एक साल पहले भी हुआ था प्रयास
पीडब्ल्यूडी ने एक साल पहले कस्बे में लालगंज, रायबरेली व ऊंचाहार मार्ग के दोनों ओर बने करीब 300 घरों को नोटिस जारी की थी। लोग एकजुट हुए तो उनके आक्रोश को देख कार्रवाई रोकनी पड़ी थी। मगर, इस बार विभाग ने एक-एक रोड पर ध्वस्तीकरण की रणनीति बनाई है।
बाईपास का निर्माण क्यों नहीं
व्यापारी नेता घनश्याम जायसवाल, टेशू दीक्षित, गुड्डू जायसवाल, राजू शुक्ला, सुधीर कुमार, सहित अन्य व्यापारियों ने ध्वस्तीकरण के निर्णय को गलत ठहराया। कहा कि इससे तमाम परिवार बेघर हो जाएंगे। बृजेश दत्त गौड़ ने बताया कि वर्ष 1968 में सरकारी गजट हुआ था। तब कंकरीट की रोड थी। उसके पूर्व से यहां आबादी है। जिस तरह लालगंज व मुंशीगंज में आबादी को बचाने के लिए बाइपास बने, उसी की तरह यहां भी बनना चाहिए।
शासन तक ले जाएंगे मामला
क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि एक साथ इतने मकानों को गिराना सरकार की मंशा के विपरीत है। जिलाधिकारी से बात होगी। शासन को भी पत्र लिखा जाएगा। विभाग को बाइपास बनाना चाहिए।