छदम धर्मनिरपेक्षता की राजनीति
राजनैतिक दलों की वोट की छदम धर्मनिरपेक्षता की राजनीति के कारण उसमें एक बार नहीं कई बार अड़चनें आईं। सबसे बड़ा बाधक है भारत के सांस्कृतिक और राजनैतिक विकास में छदम धर्मनर्पेक्षता की राजनीति। क्या ये सही नहीं है कि देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हो। देश का बंटवारा नहीं हुआ, जिन्ना ने मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने साथ मिलकर पूरी योजना के तहत ऐसा किया। एक तरफ अाजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी दूसरी तरफ भारत के टुकड़े करने की साजिश चल रही थी।
देश का टुकड़ा हुआ है धर्म के आधार पर
इस बुरी राजनीति ने भारत को तोड़ने का काम किया। देश का टुकड़ा हुआ है धर्म के आधार पर। भारत की अच्छी संस्कृति का फायदा लोगों ने उठाया है। मुगलकाल के पहले भारत के वेद में जाति नहीं वर्ण का वर्णन है। मुगलों के बाद अंग्रेजों ने देश को और खंडित किया। नेहरू ने इसे तार-तार किया। आज करपात्री जी महाराज हैं नहीं, उन्होंने विसंगतियों को लेकर कई बार विरोध किया। हम खड़े हुए जाति के नाम पर और मुस्लिम खड़े हुए धर्म के नाम पर।