प्रिय रिम्मी,
सुना है कि आज करवाचौथ है। तो हमनी भी आपन लंबी उम्र और सात जनम तक तोहरे करेजा के धड़कन बने की ख़ातिर तोहसे भूखे रहे के बरे अपील कर रहे है।
जो तू ई बतिया मान लेबू, तो तोहके जगेसर काका के टिब्बुल पे ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ दिखाएंगे।
उ शहर से फुआ का बेटवा फ़ोन किया था, अरे उहे जो कूल ड्यूड है। कनॉट प्लेस के चौतरा से ब्राडेंड जीन्स, टीशर्ट और जूता नहीं स्नीकर्स खरीद के गाँव-जवार म भौकाल साटत है।
फोन पे उ कह रहा था कि रिंकी भी उसके बरे भूखी है। घर में माई-बाबू से लड़ के उपवास की है। झूठ बोली है कि गोसाई जी ई रविवार का भूखा रहे का बोले है ताकि सरकारी नौकरी वाला दूल्हा मिल जाये।
बताओ भला उ सब एतना जतन कर रहे है ताकि उनके प्यार की छुक छुक गाडी आगे बढ़ जाये। औ तुम सारे का एक दिन के बरे उपवास म न नुकुर कर रही हो।
औ जबकि तुमके इ भी पता है कि चाहे तुम चार दिन ले खाना न खाओ तब्बो तुम्हरे माई-बाबू झुठ्ठो न पुछिहे कि बिटिया रोटी काहे नहीं खायू?
मोर करेजा तू व्रत रह लिया आज। गाँव-जवार के अपने सब दोस्त लोग से बोल दिए है कि रिम्मिया हमरी लंबी उमर के बरे भूखी रही और हम फिलम की तिना उके निहारे जाइब कोठरिया पे।
भले आज रामबचन चाचा मार कमछी-मार कमछी पीठ के भुरखुंड कर दिए। और हाँ उ चलनी भी ले लेना। तनी फ़िला जायेंगे हम भी।
तुम्हारा अपना,
पिंटू
धौरहरा से।