उत्तर प्रदेश

गुजरात हिंसा का असर: बनारस में लगे पोस्टर, गुजराती नरेंद्र मोदी बनारस छोड़ो

वाराणसी : गुजरात में उत्तर भारतीयों के साथ हो रही हिंसा का विरोध उत्तर प्रदेश में होने लगा है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर में पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिसमें लिखा है कि गुजराती नरेंद्र मोदी बनारस छोड़ो, यूपी बिहार एकता मंच की तरफ से यह पोस्टर लगाये गयें हैं। बनारस में रह रहे गुजरातियों व मराठियों के एक सप्ताह में बनारस छोड़ने की चेतावनी जारी की गई है।

20 हजार से ज्यादा लोगों ने गुजरात छोड़ा

मालूम हो गुजरात के साबरकांठा जिले में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के बाद यूपी-बिहार के लोगों पर हमले के कारण उनका पलायन जारी है। उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष महेशसिंह कुशवाह ने दावा किया है कि एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के 20 हजार से ज्यादा लोग राज्य छोड़कर जा चुके हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात कर हालात पर चिंता जताई। रूपाणी ने उन्हें लोगों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। बताया कि पिछले 48 घंटों में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने योगी से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं

गुजरात से उत्तर भारतीयों के पलायन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वहां के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की। गुजरात के मुख्यमंत्री ने योगी से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं। मेरी सरकार सबके सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैै। तीन दिनों से उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों के साथ कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। स्थानीय प्रशासन पर भरोसा रखें और उनसे सहयोग करें।

सामाजिक समरसता को बिगाडऩे की साजिश

वार्ता के बाद जारी बयान में योगी ने कहा कि गुजरात शांतिप्रिय प्रदेश होने के साथ खुद में देश के लिए विकास का मॉडल भी है। विकास विरोधी लोग ही अफवाह फैलाकर वहां की सामाजिक समरसता को बिगाडऩे की साजिश रच रहे हैं। गुजरात सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने हालात से निबटने के लिए गुजरात सरकार की पहल की सराहना की। कहा कि पूरे घटनाक्रम पर प्रदेश सरकार की नजर है। मैं लगातार वहां की सरकार के संपर्क में हूं।

उद्योग जगत के लिए श्रमिकों का संकट

मालूम हो कि पिछले दिनों एक बच्ची से दुष्कर्म के मामले में बिहार के एक व्यक्ति का नाम आने के बाद से ही गुजरात में उत्तर भारतीय (बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश) समुदाय के लोगों पर हमले की घटनाएं हुईं। इन लोगों को गुजरात छोडऩे की धमकियां दी जा रही हैं। दहशत के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने वहां से पलायन किया। अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, मेहसाणा, सांबरकांठा आदि जिले इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। शुरू में हालात इतने खराब थे कि गुजरात सरकार को पुलिस कर्मियों की छुट््िटयां रद्द करनी पड़ीं। हालात अब नियंत्रण में हैं पर दहशत के नाते उत्तर भारतीयों का पलायन अब भी जारी है। ये सिलसिला रुका नहीं तो वहां के उद्योग जगत के लिए श्रमिकों का संकट पैदा हो जाएगा।

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