देश

UIDAI ने खारिज की हैकिंग की खबरें, डेटाबेस में सेंधमारी संभव नहीं

नई दिल्ली : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार सॉफ्टवेयर की कथित तौर पर हैकिंग की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। मंगलवार को आधिकारिक बयान जारी कर UIDAI ने कहा कि सोशल और ऑनलाइन मीडिया में आधार इनरोलमेंट सॉफ्टवेयर के कथित तौर पर हैक किए जाने की रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है। बयान के मुताबिक रिपोर्टों में किए जा रहे दावे आधारहीन हैं और डेटाबेस में सेंधमारी संभव नहीं है।

आपको बता दें कि तीन महीने लंबी पड़ताल के बाद एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आधार के डेटाबेस में एक सॉफ्टवेयर पैच के जरिए सेंध लगाई जा सकती है। पैच से आधार के सिक्यॉरिटी फीचर को बंद किया जा सकता है। ‘हफपोस्ट इंडिया’ की रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति मात्र 2,500 रुपये में आसानी से मिलने वाले इस पैच के जरिए दुनिया में कहीं से आधार आईडी तैयार कर सकता है।

इसके बाद UIDAI ने कहा कि कुछ निजी हितों के कारण जानबूझकर लोगों के दिमाग में भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है, जो पूरी तरह से अनुचित है। बयान के मुताबिक रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि पैच आधार डेटाबेस में सुरक्षित जानकारी तक पहुंचने की कोशिश नहीं करता है।

सूचनाओं की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे

प्राधिकरण का कहना है कि आधार जारी करने से पहले UIDAI व्यक्ति की सभी बायॉमीट्रिक (10 उंगलियों और दोनों आंख) का मिलान सभी आधार होल्डर्स के बायॉमीट्रिक्स से करता है। प्राधिकरण ने आश्वासन देते हुए कहा है कि उसकी ओर से सूचनाओं की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें सॉफ्टवेयर (जो किसी डिस्क में सेव होने से पहले डेटा का विश्लेषण करता है) , हर एक इनरोलमेंट के समय यूनीक मशीन रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस से पहचान, टैंपर प्रूफिंग के जरिए डेटा की सुरक्षा आदि की जाती है।

सेंधमारी संभव नहीं

UIDAI ने साफ कहा है कि जब तक संबंधित व्यक्ति खुद अपना बायॉमीट्रिक नहीं देता है, कोई भी ऑपरेटर न तो आधार बना सकता है और न ही अपडेट कर सकता है। कहा गया है कि कोई भी इनरोलमेंट या अपडेट का अनुरोध तभी स्वीकार किया जाता है जब ऑपरेटर की बायॉमीट्रिक्स प्रमाणित हो जाए और सिस्टम से रेजिडेंट की बायॉमीट्रिक की डुप्लीकेट कॉपी डिलीट हो जाए। ऐसे में आधार के डेटाबेस में सेंधमारी संभव नहीं है।

गंभीर फ्रॉड के मामले में पुलिस से शिकायत

प्राधिकरण का कहना है कि काल्पनिक स्थिति में भी जहां सुधार के कुछ प्रयास, जरूरी पैरामीटर्स जैसे ऑपरेटर या रेजिडेंट की बायॉमीट्रिक्स कैप्चर नहीं हुई या ब्लर हो गई और ऐसे में सिग्नल UIDAI के सिस्टम में पहुंचता है और ऐसे सभी इनरोलमेंट खारिज कर दिए जाते हैं और कोई भी आधार जनरेट नहीं हो पाता है। यही नहीं, ऐसे मामलों में संबंधित इनरोलमेंट मशीनें, ऑपरेटरों की पहचान करके उन्हें ब्लॉक और हमेशा के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाता है। गंभीर फ्रॉड के मामले में पुलिस से शिकायत भी की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *