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जब अटल जी ने पूछा क्या मुझे अपनी जाति बतानी पड़ेगी..

पटना: काल के कपाल पर लिखने-मिटाने वाली वो अटल आवाज़ हमेशा के लिए ख़ामोश हो गई। अटल जी के अनगिनत किस्से उनके चाहने वाले सुनाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बिहार से खास लगाव था। एक बार वे बिहार में समस्तीपुर के भाजपा प्रत्याशी भाग्य नारायण के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। सभा में भारी भीड़ थी और तेज धूप होने की वजह से काफी लोग बेहोश भी हो गए थे लेकिन सभी को अटल बिहारी वाजपेयी की एक झलक का इंतजार था।

आप बिहारी हैं, मैं अटल बिहारी

इस सभा में पहुंचने पर उन्होंने कहा था कि आप सभी को जातिभेद से ऊपर उठकर वोट करना पड़ेगा। इसी बीच एकाएक उन्होंने माइक पर जनता से पूछा क्या मुझे भी अब अपनी जाति बतानी होगी। उन्होंने कुछ लोगों के समक्ष कहा था, आप बिहारी हैं, मैं अटल बिहारी। वाजपेयी चाहते थे बिहार जातीय राजनीति से ऊपर उठे।

क्या मुझे भी अपनी जाति बतानी होगी

अटल जी के बारे में भाग्य नारायण राय बताते हैं कि जब पूरे बिहार सहित देश भर में छात्र राजनीति चरम पर थी। साल 1985 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर भाग्य नारायण राय समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। उस दौरान चुनाव प्रचार करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समस्तीपुर पहुंचे थे। दिन के 12:00 बजे सभा का आयोजन हुआ था। अटलजी सभा में दरभंगा से एक घंटा विलंब से पहुंचे थे। काफी तेज धूप थी। धूप के कारण सभा स्थल पर आए कई लोग बेहोश भी हुए थे। राय बताते हैं कि उस वक्त जातीय राजनीति बिहार में चरम पर थी। अटलजी के भाषण का जिक्र करते हुए वह बताते हैं कि उन्होंने सभा स्थल पर पहुंचे लोगों से पूछा था कि क्या मुझे भी अपनी जाति बतानी होगी कि मैं जाति से ब्राह्मण हूं। उन्होंने उस वक्त मतदाताओं से जातीय बंधन से ऊपर उठकर मतदान करने की अपील की थी। अटलजी के इस वाकये के बारे में बताते हुए वह काफी भाव-विभोर हो गए। उन्होंने कहा- अटल जी की यह कमी भारतीय राजनीति में अब शायद ही पूरी हो पाएगी।

 

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