नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 72वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश दिया। बतौर राष्ट्रपति यह उनका दूसरा संदेश है। उन्होंने कहा,’15 अगस्त का दिन राष्ट्र निर्माण में लिए संकल्पों को पूरा करने का दिन है। स्वाधीनता के लिए संघर्ष करने वाले में देश के हर वर्ग के लोग शामिल थे। देश का विकास करने और गरीबी से मुक्ति दिलाने का काम हम सबको करना है। राष्ट्र का विकास शहीदों को एक श्रद्धांजलि होगी। हमारी स्वाधीनता का दायरा काफी बड़ा है। हमें स्वाधीनता को विकास नए आयाम देना है।’राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘देश के सैनिक और किसान हमारे लिए अहम योगदान देते हैं। सैनिक कठिन हालात में देश की आजादी की रक्षा कर रहे हैं। सरकार किसानों और सैनिकों के साथ हर वर्ग के लिए काम कर रही है। महिलाओं को आजादी की भी सार्थकता है। उन्हें घरों में अपने स्वतंत्रता का अवसर मिलना चाहिए। उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में आजादी मिलनी चाहिए।’
देश में तेजी से बदलाव हो रहा
राष्ट्रपति ने कहा, ‘देश में तेजी से बदलाव हो रहा है। हम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। भारतीय परंपरा में दरिद्र, नारायण की सेवा को सर्वोपरि माना गया है। मुझे विश्वास है कि हम इसमें योगदान देते रहेंगे। दुनियाभर में गांधी जी को आदर के साथ याद किया जाता है। उन्होंने स्वच्छता के लिए काम किया। वे गरीबों को सशक्त बनाने और अनपढ़ों को शिक्षित करने के पक्षधर रहे।’
फैलाए जा रहे भ्रम में न भटकें
उन्होंने कहा, ‘देश के नौजवानों ने स्वाधीनता के आंदोलन में जोश भरा था। वे आज हमारी आकाक्षांओं की बुनियाद हैं। हम युवाओं का कौशल विकास करते हैं। हमने उन्हें आईटी, खेल और कारोबार के क्षेत्र में अवसर दिए हैं। आज हम इतिहास के ऐसे मोड़ पर हैं, जो अलग है। खुले में शौच, बेघरों को घर और निर्धनता को दूर करने की ओर बढ़ रहे हैं। इनके खिलाफ फैलाए जा रहे भ्रम में न भटकें।’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संदेश-
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि 15 अगस्त का दिन प्रत्येक भारतीय के लिए पवित्र होता है और हमारा ‘तिरंगा’ हमारे देश की अस्मिता का प्रतीक है। हम सबको देश का विकास तथा ग़रीबी और असमानता से मुक्ति प्राप्त करने करने के लिए काम करना है । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महिलाओं की हमारे समाज में एक विशेष भूमिका है और कई मायनों में महिलाओं की आज़ादी को व्यापक बनाने में ही देश की आज़ादी की सार्थकता है।
निर्णायक दौर से गुजर रहे हैं
आज हम अपने इतिहास के एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जो अपने आप में बहुत अलग है। आज हम कई ऐसे लक्ष्यों के काफी क़रीब हैं, जिनके लिए हम वर्षों से प्रयास करते आ रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आज हम एक निर्णायक दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में हमें इस बात पर जोर देना है कि हम ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में न उलझें और ना ही निरर्थक विवादों में पड़कर अपने लक्ष्यों से हटें। शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त कर लेना ही नहीं है, बल्कि सभी के जीवन को बेहतर बनाने की भावना को जगाना भी है। ऐसी भावना से ही संवेदनशीलता और बंधुता को बढ़ावा मिलता है।
हमारा देश कहाँ तक पहुंचा है
राष्ट्रपति कोविंद ने सबके लिए बिजली, खुले में शौच से मुक्ति, सभी बेघरों को घर और अति-निर्धनता को दूर करने के लक्ष्य के पहुँच में आने का जिक्र किया । उन्होंने कहा कि आज जो निर्णय हम ले रहे हैं, जो बुनियाद हम डाल रहे हैं, जो परियोजनाएं हम शुरू कर रहे हैं, जो सामाजिक और आर्थिक पहल हम कर रहे हैं, उन्हीं से यह तय होगा कि हमारा देश कहाँ तक पहुंचा है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह भारत देश ‘हम सभी लोगों’ का है, न कि केवल सरकार का । एकजुट होकर, हम ‘भारत के लोग’ अपने देश के हर नागरिक की मदद कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एकजुट होकर, हम अपने वनों और प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण कर सकते हैं, हम अपने ग्रामीण और शहरी पर्यावास को नया जीवन दे सकते हैं। हम सब ग़रीबी, अशिक्षा और असमानता को दूर कर सकते हैं ।’
सरकार की प्रमुख भूमिका
एकजुटता के महत्व को रेखांकित करते हुए कोविंद ने कहा कि हम सब मिलकर ये सभी काम कर सकते हैं। यद्यपि इसमें सरकार की प्रमुख भूमिका होती है, परंतु एकमात्र भूमिका नहीं। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में बदलाव और विकास तेजी से हो रहा है और इस की सराहना भी हो रही है। कोविंद ने कहा कि हमारे सामने, सामाजिक और आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे रह गए देशवासियों के जीवन-स्तर को तेजी से सुधारने का अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के दायरे में उन 117 आकांक्षी जिलों को भी शामिल कर लिया गया है, जो आज़ादी के सात दशक बाद भी हमारी विकास यात्रा में पीछे रह गए हैं।
सरकार के कार्यक्रमों और परियोजनाओं का पूरा-पूरा उपयोग करना है
उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान का कार्य केवल सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। यह अभियान सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से चल रहा है । और हमें अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के कार्यक्रमों और परियोजनाओं का पूरा-पूरा उपयोग करना है। कोविंद ने कहा कि इस बार स्वाधीनता दिवस के साथ एक खास बात जुड़ी हुई है। आगामी 2 अक्टूबर से, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के समारोह शुरू हो जाएंगे।