नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर पूरे देश में बिहार सरकार की थूथू हो रही है। ना सिर्फ विपक्ष बल्कि पूरे देश में बच्चियों को न्याय दिलाने को प्रदर्शन हो रहे हैं। बिहार सरकार को आड़े हांथों लेते हुए दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को खत लिखकर निशाना साधा है। खत में मालीवाल ने इस मामले को लेकर नीतीश कुमार से कई सवाल किए हैं। दो पेज के लिखे इस खत में स्वाती ने नीतीश से पूछा है, ‘सर, आपकी कोई बेटी नहीं है पर मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि अगर उन 34 लड़कियों में से एक भी आपकी बेटी होती तो भी आप तब भी किसी के खिलाफ कोई एक्शन हीं लेते? आपके इस एक कर्म से आपने इस देश की करोड़ों महिलाओं और बच्चियों में अपनी इज्जत खोई है।’
क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष @SwatiJaiHind जी द्वारा लिखे पत्र का जवाब देने की हिम्मत है?
चाचा जी, मुज़फ़्फ़रपुर कांड राष्ट्रीय शर्म का विषय है। ऐसे जघन्य जन बलात्कार कांड पर आपकी आपराधिक चुप्पी सिरहन पैदा करती है।#RashtriyaSharm pic.twitter.com/zS5YFU6gkr
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 4, 2018
बेटियों की चीखें मुझे सोने नहीं दे रहीं
सर, आज फिर मैं रात में ठीक तरह से नहीं सो पाई। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह की बेटियों की चीखें मुझे पिछले कई दिनों से सोने नहीं दे रहीं। उनके दर्द के सामने पूरे देश का सिर शर्म से झुक गया है। मैं चाहकर भी उस दर्द को अपने आप से अलग नहीं कर पा रही हूं और इसलिए आपको यह खत लिख रही हूं। मैं जानती हूं कि बिहार मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं आता है, देश की एक महिला होने के नाते मैं यह खत लिख रही हूं। आशा है आप मेरा यह खत जरूर पढ़ेंगे।
मुजफ्फरपुर के बालिका गृह की कहानी शायद इस दुनिया की सबसे भयावह कहानियों में से एक है। यहां कम से कम 34 लड़कियों के साथ बार बार रेप किया गया और कुछ का मर्डर करके बालिका गृह में ही दफन कर दिया। लड़कियां सिर्फ सात से 14 साल की थीं और अधिकत्तर अनाथ थीं। उन्होंने बताया कि किस तरह एनजीओ का मालिक ब्रजेश ठाकुर नाम का हैवान, कई अफसर और नेता रोज रात में आकर उनके साथ रेप करते थे। बृजेश ठाकुर को वो ‘हंटरवाला अंकल’ कहती थीं जो हर रात लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता था। छोटी सी दस साल की मासूम ने बताया है कि कैसे उस ड्रग्स देकर रोज रात ब्रजेश ठाकुर उसके साथ रेप करता था। लड़किया शेल्टर हाउस में रात होते ही कांपने लग जाती थीं, क्योंकि उन्हें पता था उनके साथ रात में अत्याचार होगा।