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नज़रिया

भारत में एक वित्त मंत्री ट्वीट करता है और दूसरा ब्लॉग लिखता है- रवीश कुमार

भारत का वित्त मंत्री कौन है ? इसका कोई एक जवाब नहीं हो सकता। इसका एक जवाब होता तो बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपे विज्ञापन से साफ़ हो जाता लेकिन विज्ञापन देने वाले जूता चप्पल उद्योग संग (CFLA) को पता ही नहीं चला कि किसे विचार मंत्री लिखें। अब हैं तो दोनों ही वित्त मंत्री।अरुण जेटली की बीमारी के कारण पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय का प्रभाव संभाल रहे हैं। जेटली को वित्त मंत्री और गोयल को प्रभारी वित्त मंत्री लिख सकता था मगर संघ को लगा होगा कि दूसरा ख़ुद को प्रभारी समझ कर उनसे नाराज़ न हो जाए।

इसलिए जूता चप्पल उद्योग संघ ने शानदार तरीक़ा निकाला। प्रधानमंत्री की तस्वीर के अगल-बगल जेटली और गोयल की तस्वीर लगा दी। दोनों को सिर्फ माननीय कैबिनेट मंत्री संबोधित किया है। परनाम की जगह भारत सरकार लिखा है। मंत्रालय का नाम नहीं लिखा है। इसे देखकर प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री ने दोनों को मंत्री तो बना दिया है मगर विभागों का बँटवारा नहीं किया है! अभी होना बाक़ी है।

संघ के लोगों ने विज्ञापन देते वक़्त चर्चा तो की होगी कि क्या लिखें, जब समझ नहीं आया होगा तो सिर्फ कैबिनेट मंत्री लिख दिया। आम तौर पर शिलान्यास पट्टिका, बैनर, आमंत्रण पत्र, कैलेंडर, विज्ञापन में मंत्रालय का नाम न हो तो मंत्री बुरा मान जाते हैं।

बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपे इस आद्योपांत विज्ञापन को देखिए।
इसमें उद्योग संघ की तरफ से सरकार का धन्यवाद किया गया है। सरकार ने हज़ार रुपये से कम के जूता चप्पलों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।

भारत में इस वक़्त तीन वित्त मंत्री हैं! एक ब्लॉग लिखने के लिए और दूसरे ट्विट करने के लिए। एक तीसरे भी हैं। पार्ट टाइम वित्त मंत्री जो नोटबंदी लागू करने रात को आठ बजे टीवी पर आ जाते हैं।

(रवीश कुमार की फ़ेसबुक वॉल से )

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