मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर, छपरा, हाजीपुर के शेल्टर होम में 21 बच्चियों के साथ रेप की घटना सामने आई। यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई। 31 मई को बिहार सरकार को सौंपी गई. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कैसे इन बालिका गृह में छोटी-छोटी बच्चियों का शोषण किया जाता रहा है। इस मामले में एक नया मोड़ उस समय आ गया जब बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक, बाल संरक्षण पदाधिकारी दिवेश शर्मा व बाल पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक गोपाल कुमार चौधरी की कथित बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ है। इसमें भी समाज कल्याण विभाग की मंत्री के पति का नाम आया है।
मंत्री पति के बार-बार बालिका गृह में जाने पर नाराजगी
उक्त अधिकारी मंत्री पति के बार-बार बालिका गृह में जाने पर नाराजगी जता रहे थे। ऑडियो में वे आपस में बात कर रहे कि आखिर वो किस अधिकार से बालिका गृह जाते थे। इतना ही नहीं वो अधिकारियों को नीचे रुकने को बोल कर खुद ऊपर चले जाते थे। वे मंत्री के पति पर भी जांच की मांग कर रहे है। ऑडियो में सहायक निदेशक आरोप लगाते हुए कह रहे कि मंत्री पति बार-बार बालिका गृह जाते थे। आखिर वो किस हक से वहां जाते हैं। उनसे क्यूं नहीं पूछा जा रहा कि ये निरीक्षण के दौरान क्या देखते हैं। इसकी जांच क्यूं नहीं हो रही।
वहीं बाल संरक्षण पदाधिकारी एमएम मिश्रा आक्रोशित होकर अपशब्द भाषा में बोल रहे हैं कि एक बार पूर्व सहायक निदेशक रोजी रानी, निलंबित जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन और हमारे साथ गए। हमलोगों को नीचे बैठा कर खुद ऊपर जांच करने गए। ऑडियो में बालिका गृह यौन शोषण मामले में की गई कार्रवाई पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान पूरे मामले की सीबीआइ जांच की भी मांग उठी।
रवि रोशन के पक्ष में इकाई के पदाधिकारी
मामले में गिरफ्तार आरोपित बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन के पक्ष में इकाई के पदाधिकारी एवं कर्मी भी उतर आए हैं। अधिकारियों का हस्ताक्षर युक्त आवेदन मुख्यमंत्री को भेजा गया था। इसमें बिहार के विभिन्न जिलों के कई बाल संरक्षण पदाधिकारी एवं कर्मियों ने हस्ताक्षर कर सीबीआइ जांच की मांग की है।
सहायक निदेशक, अधीक्षक ने बातों को किया खारिज
पूर्व सहायक निदेशक के कार्यकाल में बालिका गृह में कई अधिकारी जाते थे। मंत्री पति के भी वहां जाने की जानकारी मुझे दी गई। चर्चा के दौरान मैंने कहा कि बालिका गृह जाने वाले हर अधिकारी की भी जांच हो। मंत्री पति मेरे कार्यकाल में बालिका गृह नहीं आए।
दिवेश कुमार शर्मा, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई
मैंने कभी इस तरह की बात नहीं की है। ऑडियो में मेरी आवाज नहीं है। इसकी जांच की जा सकती है।
गोपाल कुमार चौधरी, अधीक्षक, बाल पर्यवेक्षण गृह