लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ देश में विपक्षी एकजुटता में नेतृत्व के सवाल को लेकर चल रही बहस के बीच बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बड़ा बयान दिया है। हुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का केंद्र में सरकार के गठन को लेकर अलग ही नजरिया है। मायावती केंद्र में मजबूत नहीं मजबूर सरकार चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र में मजबूत नहीं, मजबूर सरकार होनी चाहिए। 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष लामबंद होकर भाजपा को परास्त करना चाहता है। इस बीच गठबंधन की इस राह में हर दिन नए रोड़े आते जा रहे हैं। मायावती ने केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार चला रहे मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज मान्यवर कांशीराम की यह बात बड़ी सटीक बैठती है कि केंद्र में मजबूत नहीं मजबूर सरकार होनी चाहिए। गठबंधन की सरकार पर ज्यादा दबाव होता है और जिम्मेदारी भी अधिक होती है।
2019 में अपने हिस्से को लेकर अडिग
मायावती की बहुजन समाज पार्टी को 2014 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट न नहीं मिली थी जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन दयनीय था। बसपा सुप्रीमो लोकसभा चुनाव 2019 में अपने हिस्से को लेकर अडिग नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक गठबंधन का मसला है तो हम तभी करेगें जब हमें सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। मायावती ने कहा कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हमारी पार्टी अपने बूते पर चुनाव लडऩे में समर्थ है और हम तभी समर्थन करेंगे जब हमें इन राज्यों में कांग्रेस सम्मानजनक सीटें देने को तैयार होगी। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने साफ संदेश देते हुए कहा कि उचित और सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलने पर ही वो गठबंधन करेंगी। विधानसभा चुनावों में बसपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजियों पर मायावती ने कहा कि वे इसे बंद करें। यह नियम उन पर भी लागू होता है। मायावती ने इसके भी संकेत दिए कि बसपा इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव में अकेले दम पर सभी सीटों पर चुनाव लडऩे की पूरी तैयारी कर रही है।