नई दिल्ली: बुधवार से संसद का मॉनसून सत्र प्रारम्भ हो रहा है। बजट सत्र में ज्यादातर संसद की कार्यवाही अवरूद्ध ही रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष की बुलाई सर्वदलीय बैठक में मानसून सत्र में संसद को चलाने में सभी दलों खासतौर से विपक्ष से सहयोग की अपील की। बैठक में सभी दलों ने भी संसद को चलाने का भरोसा दिया। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि वे इस सत्र को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग करें और सदन में होने वाली बहस को सार्थक बनाएं। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में जो मुद्दे उठाये गये हैं उन पर सदन में बहस होनी चाहिए। पर दोनों ओर जो रुख है उससे स्पष्ट है कि सत्र हंगामेदार ही होगा।
सपा संसद के दोनों सदन नहीं चलने देगी- धर्मेन्द्र यादव
सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव ने एक चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि ‘उच्च शिक्षा की नौकरियों में अगर दलितों और पिछड़ों के लिए आरक्षण को सरकार बहाल नहीं करती है तो सपा संसद के दोनों सदन नहीं चलने देगी। सरकार यूजीसी के आदेश को वापस ले। धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि ‘किसानों की आत्महत्या और महंगाई के मुद्दे को भी संसद में उठाया जाएगा।
संसद में जनता से जुड़े मुद्दे उठाएंगे- कांग्रेस
कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ‘हम मॉब लिन्चिंग, महिला सुरक्षा और स्विस बैंकों में भारतीयों के बढ़ते पैसों का मुद्दा उठाएंगे। उम्मीद है कि हमें संसद में अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। मॉनसून सत्र चलाने में सरकार का सहयोग करेंगे। संसद में जनता से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।
बैठक में विपक्ष की ओर से कई और मसले उठाये गये। विपक्ष इस बार सदन में किसानों की आत्महत्या, भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दे उठाने की तैयारी में है। पहले ही दिन भीड़ की ओर से पीट पीट कर मार डालने की घटना पर स्थगन प्रस्ताव दिया जा सकता है। उच्च शिक्षा में एससी एसटी को आरक्षण, गुस्साई भीड़ की आक्रामकता पर काबू पाने के लिए सख्त कानून की जरूरत बताई गई। सपा के रामगोपाल यादव ने एससी एसटी का मुद्दा जोर शोर से उठाया।