Ashutosh Gupta, Raebareli: ऋग्वेद में कहा गया है कि जो आदमी एक पेड़ लगाता है वो मानवता को एक स्थायी उपहार दे रहा है। मौजूदा दौर में शादी और जन्मदिवस जैसे मौकों पर जहां लोग दिखावे की चीजों पर पैसा व्यय करता नजर आते हैं वहीं रायबरेली के डलमऊ में एक अनोखी विचार धारा देखने को मिली। अक्सर आपने केक काट कर शादी की साल गिरह (वर्षगाँठ) मनाते हुए तो सुना होगा। लेकिन यहाँ एक जोड़े ने अनोखे तरीके से अपनी शादी की वर्षगाँठ का जश्न मनाया।
अपनी शादी की वर्षगांठ पर पर्यावरणविद् और पृथ्वी संरक्षण अध्यक्ष राजेंद्र वैश्य और सुमन वैश्य ने पीपल और बरगद जैसों वृक्षों को रोपित कर समाज को एक संदेश देने की कोशिश की। सादगी से सालगिरह मनाने राजेंद्र और सुमन कहते हैं कि वह हर वर्ष अपनी शादी की वर्षगांठ पर वृक्षारोपण करते हैं और इस बार उनकी 37वीं वर्षगांठ है। राजेंद्र कहते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पृथ्वी हर आदमी की जरूरतों को पूरा करती है लेकिन लालच नही।
एक अफ्रीकी कहावत एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि पृथ्वी हमें अपने पूर्वजों से विरासत में नहीं मिली बल्कि यह हम पर हमारे बच्चों का उधार है। योगाचार्य आनंद ने कहा कि वृक्षारोपण हर आदमी के लिए पृथ्वी की देखभाल हेतु जिम्मेदारी का एहसास करने का नुमाइंदा बनने का अवसर है। इस अवसर पर सरला वैश्य, शक्तिमान वैश्य, स्वाति अग्रहरि, इंजी महिमा, इंजी कात्यायनी, आयुष्मान वैश्य, उमेश सैनी उपस्थित रहे।
Awesome celebration
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