नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में भाजपा और राजग की प्रचंड जीत के बाद भाजपा कार्यालय पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके जीवन का हर पल देश के लोगों के लिए समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि देश में अब सिर्फ दो जाति हैं-गरीब और गरीबी को दूर करने की इच्छा रखने वाले लोग। दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 130 करोड़ हिंदुस्तानियों ने आज फकीर की झोली भर दी।
लगातार दूसरी बार बहुमत मिलने को बड़ी और बढ़ी हुई जिम्मेदारी बताते हुए मोदी ने कहा कि वह बद इरादे और बदनीयत से कोई काम नहीं करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह खुद अपने लिए कभी भी कुछ नहीं करेंगे। मोदी ने कहा कि बीजेपी कभी दो सीटों तक सीमित थी और आज लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ रही है लेकिन पार्टी ने न कभी संस्कार छोड़ा, न आदशरें को छोड़ा।
दिल्ली में बारिश की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्वयं मेघराजा भी इस विजयोत्सव में शरीक होने के लिए हमारे बीच हैं। मोदी ने कहा, ‘मैं भारत के 130 करोड़ नागरिकों का सर झुकाकर नमन करता हूं। लोकतांत्रिक विश्र्व में 2019 का यह जो मतदान का जो आंकड़ा है, यह अपने आपमें लोकतांत्रिक विश्र्व के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है।
देश आजाद हुआ, इतने लोकसभा के चुनाव हुए लेकिन आजादी के बाद इतने चुनाव होने के बाद सबसे अधिक मतदान इस चुनाव में हुआ और वह भी 40-42 डिग्री सेल्सियस गर्मी के बीच में। यह अपने आप में भारत के मतदाताओं की जागरुकता, लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पूरे विश्व को इस बात को रजिस्टर करना होगा, भारत की लोकतांत्रिक शक्ति को पहचानना होगा।
‘प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यह मोदी की विजय नहीं है, यह देश में ईमानदारी के लिए तड़पते हुए नागरिक की आशा-आकांक्षाओं की विजय है, नौजवान की विजय, आत्मसम्मान और आत्मगौरव के साथ शौचालय के लिए तड़पती उस मां का विजय है, यह विजय उस बीमार की विजय है जिसका उपचार नहीं हो पाया था और आज उपचार हुआ। यह उन किसानों की विजय है, जो खुद भूखे पेट रह अन्न उगाता है। यह असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कामगारों के लिए पेंशन योजना लागू कर उन्हें सम्मान देने की विजय है। जिन बेघरों को घर मिले, उनका विजय है।
उन्होंने कहा, ’30 साल तक लगातार देश में एक ऐसा प्रिंट आउट, एक ऐसा टैग, फैशन हो गई थी कि कुछ भी करो और उसे लगा लो तो आपको गंगास्नान जैसा पुण्य मिल जाता था, वह भी नकली टैग पर। वह टैग था सेक्युलरिजम। आपने देखा होगा कि 2014 आते-आते उस पूरी जमात ने इस शब्द को बोलना ही छोड़ दिया। इस चुनाव में कोई भी दल सेक्युलरिजम का नकाब पहन देश को गुमराह करने की कोशिश नहीं कर पाए। ‘