भोपाल: चुनावी साल में सरकार ने किसानों के लिए अपना खजाना खोल दिया है। 13 साल में दूसरी बार किसानों के सिर पर चढ़े कर्ज के बोझ को कम करने के लिए समाधान योजना लागू की गई। पिछली योजना का दायरा सीमित था पर इस बार साढ़े 17 लाख से ज्यादा किसान इसके दायरे में आ रहे हैं। इससे सरकार और सहकारी समितियों के ऊपर करीब तीन हजार करोड़ रुपए का आर्थिक भार आएगा।
सवा दो लाख से ज्यादा किसानों ने मुख्यमंत्री कृषक ऋण समाधान योजना में हिस्सा लेने की इच्छा जताई है। 15 जून तक जो किसान मूल कर्ज की आधी राशि जमा करा देंगे, उनका पूरा ब्याज माफ हो जाएगा। इस योजना से छोटी जोत के किसानों का औसत 11 तो बड़े किसानों को 19 हजार रुपए की ब्याज माफी मिलेगी।
38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों से जुड़ी सवा चार हजार से ज्यादा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां किसानों को अल्पावधि कृषि ऋण देती हैं। इन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज मिलता है। इसके बावजूद 17 लाख 78 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्होंने अपना कर्ज नहीं चुकाया और वे डिफाल्टर (दागी) हो गए। इसकी वजह से इन्हें न तो सहकारी समितियों से कर्ज में खाद-बीज मिल रहा है और न ही नकदी।
सरकार ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का रोडमैप तैयार किया है। इसके लिए जरूरी है कि खेती की लागत को कम किया जाए। इसके मद्देनजर सरकार ने शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को कर्ज देने की योजना जारी रखने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार हर साल करीब एक हजार करोड़ रुपए की सबसिडी सहकारी बैंकों को देती है। इसके बाद भी इस योजना के दायरे में आने से किसानों की बड़ी संख्या वंचित रह रही थी।
इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के जम्बूरी मैदान पर आयोजित किसान महासम्मेलन में ब्याज माफी की घोषणा कर दी। विभाग के प्रमुख सचिव केसी गुप्ता का कहना है कि योजना के लिए किसान लगातार सहमति पत्र भरकर दे रहे हैं। 15 जून तक आधी किस्त जमा करने पर किसानों को फिर से ब्याज मुक्त कर्ज मिलना शुरू हो जाएगा।
सबसे ज्यादा फायदे में छोटे किसान
सहकारिता विभाग के अधिकारियों का मानना है कि योजना से 12 लाख 92 हजार लघु व सीमांत और 4 लाख 86 हजार बड़ी जोत के किसानों को फायदा होगा। पांच एकड़ जमीन से कम पर खेती करने वाले किसानों
का 1 हजार 416 करोड़ रुपए का ब्याज माफ होगा तो बड़े किसानों को 906 करोड़ रुपए की छूट मिलेगी। औसत रूप से देखा जाए तो किसानों को 11 हजार रुपए से लेकर 19 हजार रुपए तक की ब्याजमाफी मिलेगी। इसके लिए 631 करोड़ रुपए का आर्थिक भार सहकारी समितियां वहन करेंगी तो बाकी राशि प्रदेश सरकार अपने खजाने से चार साल में बैंकों को देगी।
15 हजार किसानों हुुए लाभांवित
सरकार ने राज्य एवं जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्जदार किसानों के लिए एकमुश्त समझौता योजना लागू की थी। इसमें भी किसानों को तीन किस्तों में मूलधन चुकाने पर ब्याज माफी दी गई। एक लाख 8 हजार किसानों में से 15 हजार किसानों ने योजना का लाभ लिया और अपनी बंधक रखी जमीन को मुक्त करा लिया। तीन बार योजना की समयसीमा भी बढ़ाई गई पर पूर्ण कर्जमाफी की संभावना को देखते हुए बाकी किसानों ने सहमति पत्र देने के बाद भी मूलधन की किस्त नहीं चुकाई।