नई दिल्ली:पहले भारतीय गगनयान मानव मिशन के लिए मंत्रिमंडल ने 10 हजार करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है। केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस अभियान के तहत 3 एस्ट्रोनॉट को 7 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे, लेकिन यह रूस का मिशन था।
रूस और फ्रांस के साथ करार
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी स्पीच में गगनयान प्रॉजेक्ट का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने कहा कि था यह मिशन 2022 तक पूरा होगा। इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट में मदद के लिए भारत ने पहले ही रूस और फ्रांस के साथ करार कर लिया है। पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसरो ने अगले तीन साल में 50 से अधिक मिशनों के लक्ष्य की अपनी रूपरेखा प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए बजट में वृद्धि की है। सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में पिछले कुछ वर्षों के दौरान अत्यधिक सफल और वाणिज्यिक मिशनों के कारण अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
कैप्सुल का सफलतापूर्वक परीक्षण
गौरतलब है कि पिछले दिनों इसरो ने एक क्र एस्केप मॉड्युल यानी कैप्सुल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे। दरअसल, अंतरिक्ष यात्री दुर्घटना की स्थिति में कैप्सुल में सवार होकर पृथ्वी की कक्षा में सुरक्षित पहुंच सकते हैं। इसरो ने इस मॉड्यूल का विकास खुद अपने दम पर किया है।
यात्रियों के चुनाव के लिए इसरो ने काम शुरू कर दिया
गगनयान के यात्रियों के चुनाव के लिए इसरो ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए इसरो लोगों के मेडिकल चेकअप के साथ-साथ उनके साथ कुछ माइक्रो-बायोलॉजिकल प्रयोग कर रहा है। बता दें कि अंतरिक्ष में जाने से पहले हर व्यक्ति को कई चरणों में टेस्ट पास करने होते हैं। गगनयान के लिए भी इसरो एक व्यक्ति का कम से कम 10 टेस्ट करेगा। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘वैसे तो हमने 10 पैमाने तय किए हैं लेकिन अगर जरूरत पड़ती है तो हम और टेस्ट करेंगे।’ इसरो चीफ के सिवन भी कह चुके हैं कि 2022 तक गगनयान भेजा जा सकेगा। इससे पहले इसरो 2020 और 2021 में दो मानवरहित मिशन भेजेगा।