दुनिया के कोविड-19 महामारी में फंसे होने का फायदा उठाकर चीन दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। दक्षिण चीन सागर पर हाल के वर्षों से लगातार अपना दावा जता रहा चीन वहां पर अपनी उपस्थिति दिनों-दिन मजबूत करता जा रहा है। वहां उसने कृत्रिम द्वीप बनाकर उन पर अत्याधुनिक हथियारों की तैनाती भी कर दी है। हवाई पट्टी बनाकर वहां लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन तैनात कर दी है।
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, अदन की खाड़ी में चीन ने जहां एंटी पायरेसी एस्कॉर्ट फोर्स तैनात कर दी है, वहीं हिंद महासागर में उसकी नौसेना के सात युद्धपोत गश्त कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस समय चीन के चार-पांच खोजी पोत भी हिंद महासागर में मौजूद हैं। कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाला चीन पहला देश था लेकिन अब वह उससे काफी हद तक उबर चुका है। अब वह दुनिया के महामारी में फंसे होने का फायदा उठाकर समुद्र में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी समुद्री सीमा के भीतर और बाहर नौसेना के सैनिकों, युद्धपोतों, खोजी पोतों और अन्य हथियारों की बड़े पैमाने पर तैनाती कर रहा है। कोरोना वायरस से अमेरिका और फ्रांस की नौसेना के प्रभावित होने से इलाके में उनकी उपस्थिति कमजोर पड़ी है। उनके युद्धपोत हटने से खाली हुई जगह पर चीन कब्जा करने में लगा है। उसकी नीति है कि अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में एक बार कब्जा कर लेने पर वह उसे नहीं छोड़ेगा, युद्धपोत आसपास की गश्त करते रहेंगे।
इतना ही नहीं चीन ने दक्षिण चीन सागर पर से लड़ाकू विमानों की सर्विलांस फ्लाइट भी बढ़ा दी हैं। ये विमान समुद्र में मौजूद विदेशी युद्धपोतों की टोह लेते हैं। उन्हें अगर कोई विदेशी युद्धपोत दक्षिण सागर की ओर बढ़ता दिखाई देता है तो वे नौसेना को सूचित कर वहां स्थिति मजबूत करवा देते हैं। हाल ही में दक्षिण चीन सागर में आ गई वियतनाम की फिशिंग बोट को चीनी जहाजों ने टक्कर मार-मारकर डुबो दिया था।