हेमंत अग्रहरि, रायबरेली: देश में अलग-अलग प्रदेशों में रहने वाले श्रमिकों और छात्रों पर लॉक डॉउन का असर दिखने लगा है। क्योंकि उद्योग धंधे बंद हो चुके हैं मजदूरों के पास कोई काम नहीं है सरकार का लाक डाउन को लेकर लगातार नए नए आदेश आते जा रहे हैं इसलिए प्रत्येक राज्य की सरकारों ने अपने यहां मजदूरों को बुलाना बुलाने की शुरुआत कर दी है ऐसा ही आज रायबरेली में देखने को मिला। जहां लॉक डाउन के दौरान गुजरात के अहमदाबाद में फंसे श्रमिको आखिरकार बुधवार को स्पेशल ट्रेन से रायबरेली जंक्शन पर ले आया गया।1200 श्रमिको को लेकर आई इस स्पेशल ट्रेन से आये श्रमिको को किसी तरह की कोई भी परेशानी न हो इसके लिए खुद मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम व आईजी एसके भगत ने स्टेशन पर खुद मोर्चा संभाल रखा था।ट्रेन अपने दिए गए समय से कई घण्टे की देरी के बाद पहुची।आये हुए श्रमिको के रजिस्ट्रेशन से लेकर उनकी थर्मल स्क्रीनिग आदि की व्यवस्था स्टेशन पर ही कि गई है।उसके बाद इन श्रमिको को 14 के लिए क्वारन्टीन केंद्र पर भेज दिया जाएगा।
लंबे समय से सुनसान रायबरेली रेलवे स्टेशन पिछले दो दिनों से गुलजार है यंहा सरकारी अमले की आमद लगातार चल रही थी और इसका कारण था गुजरात मे लॉक डाउन में फंसे 1200 श्रमिको को लेकर आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन।बुधवार को जैसे ही ट्रेन रायबरेली स्टेशन पर पहुची वंहा मौजूद सरकारी अफसर से लेकर उनके अधीनस्थ सभी अपने को मिली जिम्मेदारी निभाने में जुट गए।सारे मामले की मॉनिटरिंग खुद कमिश्नर मुकेश मेश्राम कर रहे थे।स्टेशन परिसर में ही काउंटर बनाये गए थे जंहा आने वाले श्रमिको की सारी डिटेल ली जा रही थी और उसके बाद जो भी बीमार दिखे उसके थर्मल स्क्रीनिग की भी व्यवस्था की गई थी।जो श्रमिक दूसरे जिलों के रहने वाले थे उनके लिए भी बसों की व्यवस्था के साथ ही एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी।श्रमिको से जब बात की गई क्या वो दोबारा वापस जाएंगे गुजरात तो उनका कहना था भी तो नही लेकिन 6 माह के बाद वो जाना चाहेंगे तब तक गांव में ही रहकर अपनी खेती करेंगे ।उन्होंने 580 रुपये का टिकट खरीदने की बात भी स्वीकार की।