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वही बाबा राम रहीम आज जेल में चाैकीदार से लेकर जेलर तक सभी को ठोंकता है सलाम

स्पेशल स्टोरीज डेस्क: समय बड़ा बलवान होता है। यह कहावत रोज डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को जरूर याद आती होगी। एक समय था कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के सामने लाखों लोग नतमस्तक होते थे, समर्थक उसकी एक झलक पर कदमों में बिछ जाते थे, लेकिन समय ने ऐसा करवट लिया कि कि अपने गुनाहाें की सजा काट रहा राम रहीम आज दीनहीन हालत में है। यहां सुनारिया जेल में वह चौकीदार से लेकर जेलर तक को सलाम करता है।

इसे जेल-प्रशासन की सख्ती का असर कहा जाए या अच्छा आचरण दिखाकर पैरोल पर जाने की रणनीति, लेकिन गुरमीत का यह अंदाज जेल में सब पर असर कर रहा है। बताया जाता है कि डेढ़ साल से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद गुरमीत राम रहीम के बारे में एक भी शिकायत जेल प्रशासन को नहीं मिली है।

साध्वी दुष्कर्म और पत्रकार हत्याकांड में सजायाफ्ता गुरमीत को जेल में अलग से सेल रखा गया है और इस कारण उसका अन्‍य कैदियों व बंदियों से मिलना-जुलना नहीं होता। जब कैदी व बंदी बैरकों में होते हैं, तब गुरमीत को सेल के बाहर निकाला जाता है, लेकिन सेल में ड्यूटी पर तैनात नंबरदार, सफाई कर्मचारी व सुरक्षागार्ड से आते-जाते वह दुआ सलाम करता है। इस दौरान गुरमीत खुद सभी कर्मियों को सलाम करता है।

जेल सूत्रों के अनुसार, गुरमीत के सामने जो भी आता है, वह खुद उनको दुआ-सलाम करता है। जेल में परिजनों या वकील से मिलने जब उसे मुलाकात कक्ष में लाया जाता है तो वहां ड्यूटी पर मौजूद हर सुरक्षाकर्मी को वह सलाम करता है। राम रहीम के इस आचरण का हर कोई कायल हो गया है।
गुरमीत राम रहीम को जब सीबीआइ की अदालत ने साध्वी दुष्कर्म मामले में सजा सुनाई तब, उसका वजन करीब 110 किलोग्राम था। अब उसका वजन 20 किलो घटकर 90 किलोग्राम पर पहुंच चुका है। बताया जाता है कि वह जेल में आमतौर पर सफेद कुर्ता-पायजामा पहनता है। उसका स्वास्थ्य भी पहले से बेहतर है। गुरमीत की दाढ़ी भी आधी से ज्यादा सफेद हो गई है।

राम रहीम को जेल में बागवानी का काम मिला हुआ है। वर्तमान में उसने जेल में ककड़ी, घिया और टमाटर की सब्जी उगा रखी है। इससे पहले वह आलू भी उगा चुका है। पिछले दिनों गुरमीत राम रहीम ने डेढ़ क्विंटल आलू की पैदावार की थी। अब उसने मौसमी सब्जी उगा रखी है। गुरमीत राम रहीम को जब भी मौका मिलता है फसल की सिंचाई, निराई और उसे तोड़ने में लग जाता है।

द फ्रीडम स्टॉफ
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