अजय सिंह, इंदौर: कोरोना संदिग्धों के इलाज के लिए चिह्नित येलो श्रेणी के गोकुलदास अस्पताल में गुरुवार को एक घंटे में तीन मरीजों की मौत के बाद हंगामा हो गया। सिर्फ चार-पांच घंटे में ही यहां 4 मरीजों ने दम तोड़ दिया। परिजन ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि येलो कैटेगरी से ग्रीन में आने की जल्दी में लापरवाही बरती जा रही है। एक युवती ने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सांसद शंकर लालवानी ने मामले में कलेक्टर मनीष सिंह से बात की। इस पर संभागायुक्त (कमिश्नर) आकाश त्रिपाठी और कलेक्टर ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी बैठा दी।
कलेक्टर के मुताबिक, अस्पताल का लाइसेंस अस्थाई तौर पर निरस्त कर दिया है। यहां के मरीजों को मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में शिफ्ट करेंगे। जांच में प्रबंधन दोषी मिला तो लाइसेंस स्थाई रूप से निरस्त कर अस्पताल सील कर देंगे। भास्कर ने अस्पताल का पक्ष जानने के लिए अस्पताल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. संजय गोकुलदास को कई बार फोन लगाए, लेकिन उन्होंने अटैंड नहीं किया। जांच के लिए पहुंचे सीएमएचओ के फोन भी नहीं उठाए। उधर, मामला सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए।
आधे घंटे पहले मिलकर गए, अस्पताल से फोन आया- मौत हो गई
गुरुवार शाम को गोकुलदास अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में मरीजों के स्वजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते नजर आए। वीडियो की शुरुआत में एक महिला रोते हुए कह रही है कि यह देखो गोकुलदास अस्पताल की हालत, एक के बाद एक मौत होती जा रही है। एक अन्य व्यक्ति बता रहा है कि वार्ड में चार मरीज भर्ती थे। आधा घंटे पहले ही बात करके आए हैं, उनमें से तीन की मौत हो गई है। इसके बाद एक अन्य मरीज के स्वजन सामने आते हैं और उन्होंने मौत का कारण अस्पताल में सैनिटाइजेशन करने की जल्दबाजी में मरीजों की देखरेख नहीं करना बताया। एक अन्य व्यक्ति गोविंद प्रजापत ने वीडियो में बताया कि उनके पिता अस्पताल में भर्ती थे। 4.30 बजे वे मिलकर आए। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उनकी मौत की जानकारी दी। आधा घंटे में पांच मरीजों की अस्पताल में मौत हो चुकी है।