देश में धर्म के नाम पर लोगों की जान लेनी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जय श्री राम बोलवाने के लिए लोगों से ज्यादती की जा रही है. जिसका शिकार ज्यादातर अल्पसंख्यक हो रहे हैं. मॉब लिंचिग की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ मुसलमानों में बेचैनी बढ़ती जा रही है. पिछले दिनों झारखंड में तबरेज अंसारी की हुई हत्या ने देश भर के मुसलमानों को हिला कर रख दिया है. मुसलमान पहली बार सड़क पर उतर कर भीड़ के द्वारा की जा रही इस तरह की घिनौनी घटनाओं के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. इस तरह की घटनाओं के खिलाफ महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक लाख से ज्यादा मुसलमान सड़क पर उतर आये.
महाराष्ट्र के मालेगांव में स्वतंत्रता सेनानियों की याद में एक शहीद स्मारक है. जहां 97 साल पहले अंग्रेजों ने आजादी के मतवालों को फांसी दी थी. उसी जगह पर मालेगांव के लगभग एक लाख मुसलमानों ने इकट्ठा हो कर प्रदर्शन किया और सरकार से मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने की मांग की.
हमें कानून के राज पर विश्वास
प्रदर्शन कर रहे मुसलमानों ने कहा कि बहुत हो गया. अब पानी सर से ऊपर जा चुका है. तबरेज अंसारी की हत्या फाइनल चैप्टर है. अब सरकार को इसके खिलाफ कानून बना कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी होगी. उन्होंने कहा कि हमलोग हिंसा में यकीन नहीं करते हैं और न ही बदला चाहते हैं. हमें कानून के राज पर विश्वास है.
आपको बता दें कि तबरेज अंसारी की हत्या के खिलाफ मेरठ, आगरा समेत देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए. मेरठ में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे मुसलमानों पर लाठी चार्ज किया, जबकि आगरा में मॉब लिंचिंग के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गये. दोनों तरफ से खुब पत्थरबाजी हुई. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया.