हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में दरिंदगी का शिकार हुई सरकारी डॉक्टर के परिजन से मिलने पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडबल्यू) की टीम ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए सवाल उठाए हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘परिवार ने बताया कि पुलिस की भूमिका निगेटिव रही। पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनी। पुलिस का कहना था कि पीड़िता को वहां से भाग निकलना चाहिए था। पुलिस घटनास्थल के सीमा विवाद में उलझी रही थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। वे एक जिंदगी बचा सकते थे।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी एक न्यायिक प्रणाली है, जिसे फॉलो किया जाएगा। लेकिन इसमें देरी नहीं होनी चाहिए और दोषियों को फांसी पर लटकाने से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए। यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाना चाहिए।’ राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम शनिवार को ही पीड़ित परिजन से मिलने हैदराबाद पहुंची। आयोग ने एक दिन पहले ही इस जघन्य मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया था।
गौरतलब है कि हैदराबाद में एक सरकारी डॉक्टर के साथ गैंगरेप, हत्या और जला देने का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। महिला डॉक्टर का शव हैदराबाद-बेंगलुरु हाइवे पर मिला। हैवानियत की इंतहा यह थी कि आरोपियों ने डॉक्टर की लाश को जलाकर एक फ्लाई ओवर के नीचे फेंक दिया था। दरअसल, महिला डॉक्टर रात में अपने घर लौट रही थीं, इसी दौरान रास्ते में उनकी स्कूटी पंक्चर हो गई थी। इस दौरान आरोपियों ने उन्हें रात में अकेला देखकर वारदात को अंजाम दिया। वारदात में शामिल चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।