चेन्नै शहर भीषण जल संकट का सामना कर रहा है। कई आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। इसके साथ ही कुछ जगहों पर टोकन देकर पानी बांटा जा रहा है। अब स्कूलों में भी पानी की किल्लत से बुरा हाल है। लत यह है कि जहां एक ओर आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहना पड़ा है, वहीं ग्रामीण इलाकों में टोकन देकर पानी बांटा जा रहा है। पानी की किल्लत से शहर के स्कूल भी जूझ रहे हैं। पानी का खर्च कम करने के लिए कई निजी स्कूलों को बंद करना पड़ा है।
ईस्ट तंबरम के क्राइस्ट किंग हायर सेकंडरी स्कूल में 2600 से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ते हैं। स्कूल ने छठी क्लास से लेकर आठवीं तक के बच्चों को दो दिन का ब्रेक दिया है। स्कूल परिसर में स्थित 6 बोरवेल सूख गए हैं। स्कूल की जरूरतों को पूरी करने के लिए रोजाना दो टैंकरों के जरिए 24 हजार लीटर पानी मुहैया कराया जाता है।
पानी की समस्या की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्कूल की हेड मिस्ट्रेस एस. मैरी ने सफाई दी। उन्होंने बताया, ‘जल संरक्षण के लिए एक पानी का हौदा बनाया जा रहा है और सुरक्षा कारणों की वजह से स्टूडेंट्स को स्कूल नहीं आने के लिए कहा गया है।’