उत्तर प्रदेश ब्यूरो से दीपक सिंह: भगवान राम की अयोध्या में आतंकी बेस तैयार होने की सुगबुगाहट के बीच सुरक्षा तंत्र सक्रिय हो गया है। अयोध्या में अक्सर ही वीआइपी के आगमन के बीच इस सूचना से खलबली मच गई है।
अयोध्या में आतंकी बेस बनने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा तंत्र आज बेहद सक्रिय है। एसएसपी आशीष तिवारी के निर्देश पर शहर के सभी होटल के साथ धर्मशाला व ढाबों की चेकिंग हो रही है। इसके अलावा शहर में संदिग्धों की तलाश में अभियान चलाया जा रहा है।
अयोध्या में लगातार तीन दिन तक वीआईपी कार्यक्रम है। आज यहां पर डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा हैं। 15 जून को डिप्टी सीएम केशव मौर्या और 16 जून शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या में होंगे। इंटेलिजेंस एजेंसियों को सूचना मिली है कि नेपाल के रास्ते भारत में घुसे आतंकी अयोध्या को निशाना बना सकते हैं। अब यहां आने-जाने वाले लोगों की सघन तलाशी ली जा रही है। पुलिस ने होटलों और धर्मशालाओं पर विशेष नजर है। अयोध्या आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं को 18 जून को इलाहाबाद कोर्ट में सजा सुनाई जानी है। अब कोर्ट के फैसले को लेकर भी अयोध्या में हाई अलर्ट है।
खुफिया एजेंसियों की ओर से गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है कि अयोध्या में अब कई आतंकी संगठन अपना बेस तैयार कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा फैजाबाद और गोरखपुर में अपना बेस बना रहा है, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर आतंकी मोहम्मद उमर मदनी को सौंपी गई है। इस रिपोर्ट सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। पुलिस इस इनपुट पर अभी खुलकर नहीं बोल रही है। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सूचना मिलने की बात कह रही पुलिस ने जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
आतंकी खतरे की दृष्टि से अयोध्या काफी संवेदनशील है। पांच जुलाई वर्ष 2005 में अधिग्रहीत परिसर व 23 नवंबर वर्ष 2007 में फैजाबाद कचहरी में आतंकी हमला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आइएसआइ ने भी यहां अपने माड्यूल बनाए। इसका खुलासा दो मई 2017 को हुआ। यहां आर्मी इंटेलीजेंस के इनपुट पर एटीएस ने फैजाबाद शहर के ख्वासपुरा इलाके से आइएसआइ एजेंट आफताब अली की गिरफ्तारी कर आतंकी साजिश को बेनकाब किया था। आफताब से पूछताछ के बाद एटीएस ने देश के कई हिस्सों से आइएसआइ एजेंटों की गिरफ्तारी की थी।
आफताब की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने ये संकेत दिया था कि उसके संपर्क में इस शहर के कई लोगों के होने की आशंका है। इसकी छानबीन करने का भी दावा किया गया। ढाई वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक आफताब के स्थानीय मददगार पहेली बने हैं। ऐसे लोगों के आतंकियों के नेटवर्क में शामिल होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। अयोध्या और पड़ोसी जिला अंबेडकरनगर ऐसे क्षेत्र हें, जहां आतंकियों की सक्रियता उजागर हो चुकी है।