उत्तर प्रदेश

बुलंदशहर हिंसा मामले में यूपी सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस

लखनऊ: यूपी के बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। सोमवार को हुई इस हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक आम नागरिक की मौत के सिलसिले में यह नोटिस जारी किया गया है। गौरतलब है कि बुलंदशहर के चिंगरावठी में कथित रूप से गोहत्या को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था।

सरकार को नोटिस जारी करते हुए मांगा जवाब 

एनएचआरसी ने बुलंदशहर में हिंसा की घटना पर संज्ञान लेते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। बता दें कि पुलिस ने इस हिंसा मामले में अबतक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 87 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि छह टीमें आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान में जुटी हैं। हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की जान चली गई थी। दिवंगत इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति को जान से मारने की धमकियां मिलती थीं। सुबोध दादरी के बिसाहड़ा गांव में अखलाक की हत्या के मामले में जांच अधिकारी रह चुके हैं। उनकी बहन ने आरोप लगाया है कि अखलाक लिंचिंग केस की जांच की वजह से इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या की गई।

योगेश राज को पूरी हिंसा का मुख्‍य आरोपी बनाया

पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को पूरी हिंसा का मुख्‍य आरोपी बनाया है। योगेश राज के खिलाफ FIR दर्ज पुलिस ने उसपर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है। घटना के दौरान कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार सिंह ने उसे समझाने का प्रयास किया था लेकिन वह नहीं माना। पुलिस FIR के मुताबिक, लोग शांत हो गए थे लेकिन आरोपी ने हिंसा को भड़काया। हालांकि, पुलिस आरोपी के संगठन को लेकर चुप्पी साध रखी है। योगेश राज के संगठन के बारे में सवाल पूछने पर एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

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