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बिहार में कुत्ते, घोड़े और लकड़ी तक हैं जमीन के मालिक- सत्यपाल मलिक

पणजी: गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि बिहार में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम उचित तरीके से लागू नहीं किया गया। वहां कुत्ते, घोड़े और यहां तक कि छड़ी के नाम पर जमीनें रजिस्टर्ड हैं। मलिक बिहार के राज्यपाल भी रह चुके हैं। मलिक ने कहा, ‘बिहार के बारे में क्या कहा जाता है? राज्य में जमीनें कुत्ते, घोड़े और यहां तक की छड़ी तक के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। कुछ जमींदारों के पास चार से पांच हजार बीघा जमीन है। इसका कारण यह है कि उस क्षेत्र में उचित राजस्व रिकार्ड नहीं है।’

70वें संविधान दिवस उत्सव के मौके पर गोवा विश्वविद्यालय मैदान में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जमींदारी बेहतर तरीके से लागू हुआ। उन्होंने कहा कि उन्मूलन अधिनियम लागू होने से समाज का कमजोर तबका मजबूत होगा। मलिक ने जोर देकर कहा कि देश में लोकतंत्र अच्छी तरह से काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं किसानों के गांव में पैदा हुआ। संविधान ने मुझे विधायक बनने की शक्ति दी और आज इस हैसियत तक पहुंचा हूं। इससे पता चलता है कि लोकतंत्र काम कर रहा है।’ मलिक चार सितंबर 2017 से 22 अगस्त 2018 तक बिहार के राज्यपाल रहे थे। वह जम्मू एवं कश्मीर के भी राज्यपाल रह चुके हैं।

गोवा के राज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में वह लोकतंत्र के दुरुपयोग के गवाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब केंद्र शासित प्रदेश के रूप में गठित हो चुके जम्मू-कश्मीर के कुछ नेता निश्चित रूप से जेल जाएंगे। उन्हें भ्रष्टाचार का दंड मिलेगा, उनके खिलाफ जांच की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए कुछ नेताओं के बाप-दादा स्कूल शिक्षक थे। अब श्रीनगर, दिल्ली, दुबई, लंदन और फ्रांस में उनके घर हैं। सत्ता का अक्सर दुरुपयोग होता है लेकिन उन्हें उसका भुगतान करना होता है। अंत में लालू जी और ओम प्रकाश चौटाला जेल भेजे गए।

द फ्रीडम स्टॉफ
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