गोरखपुर से कन्हैया चौहान: BRD मेडिकल कालेज में दो साल पहले हुए ऑक्सीजन कांड में निलंबित चल रहे को लापरवाही और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मामलों में दोष मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा निजी प्रैक्टिस समेत दो मामलों में उन पर आरोप सिद्ध हुए हैं। इन मामलों में जांच अब भी जारी है और शासन की ओर से डॉ. कफील के केस को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
बता दें कि गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील को 10 अगस्त 2017 को ऑक्सजीन की कमी की वजह से 60 बच्चों की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार और निलंबित किया गया था। इस कांड में कॉलेज के प्राचार्य समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें ऑक्सीजन सिलिंडरों की सप्लाई करने वाला भी शामिल था। बच्चों की मौत के बाद डॉ. कफील पर नोडल अधिकारी होने के नाते ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी की सूचना ना देने और मेडिकल पेशे से लापरवाही करने समेत भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
जांच में डॉ. कफील पर सिलिंडर खत्म होने की सूचना अधिकारियों को ना देने का आरोप सिद्ध ना हो सका। इस जांच में यह भी पता चला कि उस वक्त नोडल अधिकारी डॉ. कफील नहीं भूपेंद्र शर्मा हुआ करते थे। तफ्तीश के दौरान जांच अधिकारी के सामने डॉ. कफील ने 7 सिलिंडर की व्यवस्था खुद करने और अधिकारियों को सूचना देने के साक्ष्य पेश किए। इस साक्ष्य की जांच के बाद डॉ. कफील का तर्क सही पाया गया और उनपर लगे आरोप साबित ना हो सके। हालांकि सेवा में रहने के दौरान निजी प्रैक्टिस करने और दो अ्न्य मामलों में कफील पर लगे आरोप सही साबित हुए।