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प्रियंका रेड्डी केस: नींद से बाहर आयी हैदराबाद पुलिस, एसआई समेत 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड

हैदराबाद: हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप के बाद की गई नृशंस हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। राज्य की पुलिस ने अब इस मामले में कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने इस मामले में 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने कहा, ’27-28 नवंबर की दरम्यानी रात को एक महिला के लापता होने के मामले में शमशाबाद पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करने में देरी संबंधी ड्यूटी में कोताही बरतने के मामले में आज विस्तृति जांच की गई।’ पुलिस कमिश्नर ने आगे बताया कि जांच के नतीजों के आधार पर सब इंस्पेक्टर एम. रवि कुमार, हेड कॉन्स्टेबल पी. वेणुगोपाल रेड्डी और हेड कॉन्स्टेबल ए. सत्यनारायण गौड़ को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है।

मृतक डॉक्टर के परिवार वालों ने यह आरोप लगाया था कि साइबराबाद पुलिस उन्‍हें दौड़ाती रही। अगर उसने तत्‍काल कार्रवाई की होती तो पीड़‍िता को जिंदा बचाया जा सकता था। मां ने बताया कि घटना के बाद मेरी छोटी बेटी थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची लेकिन उसे दूसरे थाने शमशाबाद भेज दिया गया। पुलिस ने कार्रवाई की बजाय कहा कि यह मामला उसके क्षेत्र में नहीं आता है। बाद में पीड़‍िता के परिवार के साथ कई सिपाही लगाए गए और सुबह 4 बजे तक तलाशी अभियान चलाया गया लेकिन उसका पता नहीं चल पाया। पीड़‍िता की बहन ने कहा, ‘एक पुलिस स्‍टेशन से दूसरे पुलिस स्‍टेशन जाने में हमारा काफी समय बर्बाद हो गया। अगर पुलिस ने समय बर्बाद किए बिना कार्रवाई कर दी होती तो मेरी बहन आज जिंदा होती।’

हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर केस को लेकर देशभर में जबरदस्त आक्रोश है। तेलंगाना समेत कई राज्यों में शनिवार को इस नृशंस कांड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। हैदराबाद में आक्रोशित भीड़ ने शादनगर पुलिस स्टेशन का घेराव किया और उस समय उसमें घुसने की कोशिश की, जिस वक्त चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले थाने में रखा गया था। इस दौरान लोगों ने पुलिसवालों पर चप्पलें भी फेंकी। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि आरोपियों को उनके हवाले किया जाए। प्रदर्शनकारियों को थाने में घुसने से रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करनी पड़ी। बता दें कि शनिवार को चारों आरोपियों को रंगारेड्डी कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

द फ्रीडम स्टॉफ
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