इस्लामाबाद: दुनिया भर में मानवाधिकारों की बात करने वाले पाकिस्तान में किस प्रकार अल्पसंख्यकों के साथ बर्बर व्यवहार किया जाता है, इसकी एक और ताजी तस्वीर वहां के सिंध प्रांत प्रांत में देखने को मिली। सिंध प्रांत के घोतकी इलाके में कट्टरपंथियों ने एक मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की। यह विवाद एक हाईस्कूल के हिंदू प्रिंसिपल पर ईश निंदा के झूठे आरोपों से शुरू हुआ।
एक छात्र ने प्रिंसिपल पर ईश निंदा का आरोप लगाया था। इसकी खबर जब कट्टरपंथियों को लगी तो उन्होंने स्कूल और मंदिर पर हमला बोल दिया और जमकर तोड़फोड़ की। ध्यान देने वाली बात यह रही कि वहां मौजूद पुलिस तमाशबीन बनी रही। इस घटना के बाद घोटकी में सन्नाटा पसर गया। हिंदू समुदाय के लोग डरे हुए हैं।
यह घटना रविवार की है। कट्टरपंथी नेता मिट्ठू और उनके लोग घोटकी में हुए हिंदुओं के खिलाफ हमले में शामिल रहे। एक हिंदू प्रिंसिपल के खिलाफ ईश निंदा के आरोपों को लेकर शहर में शनिवार रात से ही भीड़ जमा थी। घोटकी में सिंध पब्लिक स्कूल के हिंदू प्रिंसिपल पर फर्जी तरीके से ईश निंदा का आरोप लगाया गया था। स्कूल में पुलिस की मौजूदगी में धार्मिक चरमपंथियों ने बर्बरता को अंजाम दिया।