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निर्भया के गुनहगारों का डेथ वॉरंट, 22 जनवरी सुबह 7 बजे मिलेगी फांसी

The Freedom News, New Delhi: निर्भया मामले में दोषियों को फांसी 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी देने का कोर्ट ने आदेश सुनाया है। कोर्ट ने डेथ वारंट पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में 22 जनवरी की तारीख फांसी के लिए तय कर दी है। फांसी का समय भी सुबह सात बजे तय कर दिया गया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान वीडियो काॅन्‍फ्रेंसिंग में कुछ परेशानी आ रही थी जिसे कुछ ही देर में ठीक कर लिया गया। चारो दोषियों को फांसी दिल्‍ली के तिहाड़ जेल में दी जाएगी।

फैसले के बाद मां ने कहा

फैसला आने के बाद निर्भया की मां ने कहा की मेरी बेटी को इंसाफ आज मिल गया है। दोषियों को सजा मिलने से देश में महिला शक्‍ति को मजबूती मिलेगी। इस फैसल से लोगों को न्‍याय वयवस्‍था में विश्‍वास जगा है।

फैसले के बाद पिता ने कहा

फैसला आने के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि इस मामले में अब सजा का एलान हो चुका है। मैं फैसले से खुश हूं। इस फैसले से ऐसे अपराध करने वाले लोगों में डर पैदा होगा। 

वकील ने कहा

फैसले के बाद दोषियों के वकील ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में क्‍यूरिटिव पिटिशन दायर करेंगे। एक या दो दिन में हम इसे कर लेंगे। इस केस में शुरुआत से ही मीडिया और पब्‍लिक प्रेशर काम कर रहा था। इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकी।

सुनवाई के दौरान माता-पिता की ओर कोर्ट से गुजारिश की गई है कि चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को फांसी देने को लेकर डेथ वारंट जारी किया जाए। वहीं, वहीं दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से कोर्ट में कहा गया कि वह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरिटिव पेटिशन दायर करने की प्रक्रिया में जुटे हैं। 

तिहाड़ जेल प्रशाास भी करेगा रिपोर्ट दाखिल

वहीं, मंगलवार को होने वाली सुनवाई में तिहाड़ जेल प्रशासन अपनी एक रिपोर्ट भी दाखिल करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट से मिले निर्देश पर जेल प्रशासन ने दोषियों को सात दिन का वक्त दिया था, ताकि वे मौत की सजा के खिलाफ दया याचिका दाखिल कर सकें।

जेल प्रशासन ने नोटिस दिल्ली जेल नियमावली 2018 के नियम 837 के तहत जारी किया था। प्रशासन ने कहा था यदि आपने दया याचिका दाखिल नहीं की है तो सात दिन के भीतर राष्ट्रपति के समक्ष दायर कर सकते हैं। जेल प्रशासन के अनुसार, चारों दोषियों की ओर से जेल प्रशासन को जवाब मिल चुका है। मुकेश की ओर से सबसे अंत में जवाब मिला।

द फ्रीडम स्टॉफ
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