Prakash Chandra, Ranchi Bureau: कोरोना वायरस महामारी के संकट के बीच रांची के रिम्स में इलाजरत चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल में ही रहेंगे। उन्हें आजादी दिलाने की कोशिशें सिरे नहीं चढ़ पाईं। सोमवार काे झारखंड कैबिनेट की बैठक में इस मसले पर गहन चर्चा और महाधिवक्ता के परामर्श के बाद फिलहाल सरकार ने अपना फैसला टाल दिया है। नियमों के पेच में फंसी सरकार अभी लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर छोड़े जाने के मसले पर निर्णय नहीं ले सकी। महाधिवक्ता के परामर्श के बाद सरकार के पास अब कोई ऑप्शन नहीं बचा है।
इससे पहले झारखंड कैबिनेट ने लालू को पैराेल पर रिहा करने को लेकर बड़ी देर तक चर्चा की। लालू को बेल पर रिहा करने के मामले में विचार लेने के लिए कैबिनेट की बैठक में महाधिवक्ता को भी बुलाया गया, जिन्होंने सरकार को इस मामले में कानून की जानकारी दी। ताजा जानकारी के मुताबिक कैबिनेट में लालू के मसले पर डिसिजन से ज्यादा डिस्कशन चला। कैबिनेट की बैठक में कोरोना संकट से उबरने के लिए करीब 2 घंटे तक मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने ताजा हालातों पर गंभीर चर्चा की है।
वर्तमान में लालू प्रसाद यादव रांची के रिम्स में अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे हैं। वे चारा घोटाले के मामले में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल, होटवार में अपनी सजा काट रहे हैं। इधर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण लालू बेहद डरे हुए हैं। वे अपने वार्ड के समीप कोरोना वार्ड होने के कारण अतिरिक्त एहतियात बरत रहे हैं। इधर सुप्रीम कोर्ट की 70 साल से ऊपर के कैदियों को रिहा किए जाने के गाइडलाइन के बाद पैराल पर यहां से बाहर निकलना चाहते हैं।