कोरोना वारियर्स डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मान में युवा कवि अर्चना सैनी ने कविता के माध्यम से कोरोना योद्धाओ को धन्यवाद दिया है-
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
हम घर में अपने रहें सुरक्षित
वे चौराहों पर खड़े रहे
कभी प्यार से कभी डांट के
कभी अनेकों रूप बदल के
सड़कों पर भी पहरा देते
ताकि हम सब बने रहें
फिर भी कुछ की गद्दारी देखो
रक्षक के कर काट रहे
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
समझदार पहनाते माला
मूर्खों ने पथराव किया
फिर भी कुछ देश द्रोहियों ने
थूका अभद्र व्यवहार किया
रक्षक बनकर डॉक्टर नर्से
कर्तव्य मार्ग पर अड़े रहे
जाति पाति का भेद मिटा
हर पीड़ित के संग खड़े रहे
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
यह युद्ध नहीं महाभारत का
जिसमें तलवार उठानी है
यह युद्ध एक महामारी का
जिसमें हम सब सेनानी हैं
लॉक डाउन का पालन कर
सहयोग अपना दे सकते हैं
इस भारत माँ के ऋण से
थोड़ा तो उरिण हो सकते हैं
अर्चना विनय कर जोड़ करें
कर्तव्य में हम सब अड़े रहे
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
हम घर में अपने रहें सुरक्षित
वे चौराहों पर खड़े रहे
कभी प्यार से कभी डांट के
कभी अनेकों रूप बदल के
सड़कों पर भी पहरा देते
ताकि हम सब बने रहें
फिर भी कुछ की गद्दारी देखो
रक्षक के कर काट रहे
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
समझदार पहनाते माला
मूर्खों ने पथराव किया
फिर भी कुछ देश द्रोहियों ने
थूका अभद्र व्यवहार किया
रक्षक बनकर डॉक्टर नर्से
कर्तव्य मार्ग पर अड़े रहे
जाति पाति का भेद मिटा
हर पीड़ित के संग खड़े रहे
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
यह युद्ध नहीं महाभारत का
जिसमें तलवार उठानी है
यह युद्ध एक महामारी का
जिसमें हम सब सेनानी हैं
लॉक डाउन का पालन कर
सहयोग अपना दे सकते हैं
इस भारत माँ के ऋण से
थोड़ा तो उरिण हो सकते हैं
अर्चना विनय कर जोड़ करें
कर्तव्य में हम सब अड़े रहे
मैं नमन कलम से उन्हें करूं जो विपदा में संग खड़े रहे
लेखिका- अर्चना सैनी, युवा कवि