डलमऊ से आशुतोष गुप्ता: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन को दामोदर के नाम से भी जाना जाता है। ये भगवान विष्णु का ही एक नाम है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन काफी पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। जिसकी खुशी में देवताओं ने हजारों दीप जलाकर दिवाली मनाई थी। जो आज भी देव दिवाली के रूप में मनाई जाती है। साथ ही सिखों के लिए भी ये दिन खास होता है क्योंकि इस दिन गुरु नानक जयंती होती है।
हिन्दू धर्म प्रकृति पूजक भी रहा है। इसी परिपाटी को हृदयंगम करने वाले रायबरेली जिले के पर्यावरण प्रहरी और समाजसेवी रामनिवास वैश्य और राजेन्द्र वैश्य ने कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर 11,000 पौधे वितरित किये। वैश्विक उष्मन के इस दौर में जब कार्बन उत्सर्जन उफान पर है तब ऐसी प्रकृति पूजक आस्था समाज के लिए एक नजीर सरीखी है।
राजेन्द्र वैश्य अपने व्यक्तिगत उत्सवों में भी ऐसे ही पर्यावरण संरक्षी कार्यक्रमों को संचालित करते रहते है। मसलन अपनी शादी की हर सालगिरह पर जल संरक्षण संगोष्ठियों का आयोजन करवाते है। इसी विषय पर उन्होंने डलमऊ के स्कूली छात्रों-छात्राओं के साथ एक मानव शृंखला का भी आयोजन करवाया था।
पौधा वितरण का ये कार्यक्रम “पृथ्वी संरक्षण” नामक पर्यावरण सेवी संस्था के तत्त्वाधान में हुआ। संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र ने कहा कि एक पेड़ लगाने से हज़ारों पक्षियों को आसरा मिलता है। साथ ही ग्लोबल वार्मिंग से बेजार धरती को जान मिलती है। पेड़ लगाने से भूजल संरक्षण भी होता है। इस मौके पर संस्था के महामंत्री जेपी सिंह, विनीत त्रिवेदी, शक्तिमान वैश्य, दीपक यादव, प्रेम गौर, आयुष्मान, आदि लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।