राज्य

जज्बा: कारगिल शहीद जवान की बेटी झारखंड में बनी दारोगा, CM रघुवर दास ने ली पासिंग परेड की सलामी

 हजारीबाग से प्रकाश चंद्रा: उस दिन भी देशसेवा करने वाले सपूतों की भीड़ थी और आज भी। तिरंगा, सलामी सब कुछ वैसा ही। आंखों में आंसू भी। बस भाव बदल गए हैं। तब आंसू गम के थे, आज आंसू खुशी के हैं। पूजा विभूति उरांव झारखंड पुलिस में दारोगा पद की शपथ ले रही थीं। पूजा गुमला के शहीद बिरसा उरांव की बेटी हैं। 1999 में कारगिल में देश की रक्षा करते हुए बिरसा ने अपनी जान देश पर कुर्बान की थी। शहीद पिता का तिरंगे में लिपटा शव आज भी याद है पूजा को। तब आंखों में आंसू लिए संकल्प लिया था कि मैं भी देशसेवा करूंगी। दारोगा बन वह सपना साकार होता दिख रहा।

1170 दारोगा पासिंग परेड में शामिल

पूजा के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों की भी आंख नम थीं। बेटी को वर्दी में देखकर गर्व की अनुभूति हो रही थी। हजारीबाग में पूजा समेत 1170 दारोगा पासिंग परेड में शामिल हुए। गुमला के सिसई से पूजा की मां, दादा, भाई व परिवार के अन्य पहुंचे थे। राज्यसभा सदस्य समीर उरांव भी आए थे। समीर पूजा के मामा हैं। सभी दर्शक दीर्घा में बैठकर बिटिया को वर्दी में देखकर खुश थे। मां की आंखें डबडबा जाती थीं। थोड़ी-थोड़ी देर पर साड़ी से अपनी आंखें पोंछती।

CM रघुवर दास ने पासिंग परेड की सलामी ली। परेड के बाद प्रशिक्षु दारोगा और उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए सीएम ने उग्रवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि हमें विरासत में उग्रवाद मिला था, आज उग्रवादी अंतिम सांसें गिन रहे हैं। हमारी सरकार ने ऐसी व्यवस्था दी है कि यहां गरीब, मजदूर और रिक्शा चालक के बेटा- बेटी भी दारोगा एवं अधिकारी बन रहे हैं। ये दारोगा जब थाने में जाएंगे तो युवा जोश और नेतृत्व के सहारे उग्रवादियों पर अंतिम प्रहार किया जाएगा।

द फ्रीडम स्टॉफ
पत्रकारिता के इस स्वरूप को लेकर हमारी सोच के रास्ते में सिर्फ जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता ही बाधा है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें।
https://thefreedomsnews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *