पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश की गिरती अर्थव्यवस्था को थामने में जी-जान से जुट गए हैं। इस कवायद में वह तमाम विभागों और मंत्रालयों के बजट में कटौती कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने देश के रक्षा बजट में कटौती करने की योजना बनाई है। इस बात का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के उपायों पर सेना ने सहमति जताई है। सुरक्षा को लेकर तमाम चुनौतियों के बीच सेना अगले वित्तीय वर्ष के लिए रक्षा बजट को कम करने पर रजामंद हो गई है।
सेना की स्वैच्छिक पहल की सराहना
इमरान खान ने ट्वीट कर कहा कि रक्षा बजट में कटौती से जो रकम बचेगी वह देश के जनजातीय क्षेत्रों और बलूचिस्तान के विकास में खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘गंभीर आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए रक्षा बजट में कटौती को लेकर सेना की स्वैच्छिक पहल की मैं सराहना करता हूं।’ हालांकि इसके थोड़ी देर बाद ही इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस, सैन्य मीडिया विंग, ISPR के जनरल जनरल मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि यह कटौती रक्षा और सुरक्षा की कीमत पर नहीं होगी। रक्षा क्षेत्र में यह बचत तीनों सेनाओं द्वारा अंदरूनी तौर पर की जाएगी।
देश के जर्जर होते आर्थिक हालात
विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले साल पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धिदर 5.2 फीसद थी जो इस साल यह घटकर 3.4 फीसद पर आ गई है। अगले साल इसमें और गिरावट होने का अनुमान है। विशेषज्ञों की मानें तो अगले साल यह 2.7 फीसद रह सकती है। बता दें कि इससे पहले फरवरी में पाकिस्तानी सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में देश के रक्षा बजट में कोई कटौती नहीं करने का फैसला किया था। पाकिस्तानी सेना इस बारे में भले ही कुछ भी कहे लेकिन साफ जाहिर होता है कि देश के जर्जर होते आर्थिक हालात ने उसकी जेब पर भी कैंची चलाने का काम किया है।