The Freedom News, Delhi/Lucknow: देश में बढ़ते कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के मामलों के बाद तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के मुखिया मोहम्मद साद (Mohd Saad) का नाम चर्चा में है। तबलीगी जमात के बारे में आई खबरों से देश में कोरोना को लेकर डर बढ़ गया है। 21 मार्च के बाद से यह वायरस फैलाने वाला बड़ा कारण बना हुआ है। वहीं मोहम्मद साद अब तक सामने नहीं आए हैं। उन्होंने खुद को क्वारंटीन में रखने का दावा किया है।
सूत्रों के अनुसार, साद क्वारंटीन की मियाद का इस्तेमाल जमातियों के बीच खुद के लिए समर्थन पाने के लिए कर रहे हैं, क्योंकि कई राज्यों की पुलिस ने उनके अनुयायियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खुफिया सूत्र, जोकि इस मुद्दे पर पुलिस के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे हैं, उनसे मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद साद शायद दिल्ली में या राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में एक अज्ञात समर्थक के घर पर हैं। पुलिस ने उनके जाकिर नगर स्थित निवास की कड़ी निगरानी कर रही है।
एक अधिकारी के अनुसार, ‘वह अपने फोन का नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और दूसरे फोन के जरिए अपने वकीलों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में शामली जिले के कांधला में उनका एक आलीशान फार्महाउस है, लेकिन वह वहां नहीं रह रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि वहां से उन्हें गिरफ्तार करना आसान होगा। जबकि घनी आबादी वाले क्षेत्र से गिरफ्तारी करना मुश्किल होगा।’
सूत्र मानते हैं कि मोहम्मद साद पर नकेल कसने में पुलिस ने समय लिया, जिससे उन्हें छिपने का मौका मिल गया। एक पुलिस अधिकारी ने माना कि निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के संचालन को नाकाम कर दिया गया था। लेकिन हमें दूसरों को वहां से जाने देने से पहले उन्हें पकड़ना चाहिए था।’
साद ने एक ऑडियो संदेश में दावा किया है कि डॉक्टरों ने उन्हें अलग रहने के लिए कहा है। हालांकि अभी यह भी पता नहीं है कि जमात प्रमुख साद कोरोना पॉजिटिव हैं या नहीं। 26 सवालों के साथ मोहम्मद साद को पुलिस ने नोटिस भेजा था लेकिन उन्होंने इसे यह कहकर वापस कर दिया है कि क्वारंटीन की अवधि खत्म होने के बाद वह सवालों के जवाब देंगे।