Prashant Sharma, Dalmau: लॉकडाउन में गरीब और ज़रूरतमंद लोगों के साथ-साथ बेजुबान और बेसहारा पशु-पक्षियों के लिए भी यह वक़्त बहुत ही मुश्किल है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और ऐसे में इन पशु-पक्षियों को खाना नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में रायबरेली के डलमऊ में अंशुमान बेज़ुबानों के लिए राहत के सरीखे हैं। अंशुमान रोज खुद के खर्च पर बंदरों, गायों और कुत्तों को बिस्किट, चने और रोटी खिलाते हैं। अंशुमान के इस काम में साथ देते हैं उनके छोटे भाई आयुष्मान जो 11th के छात्र हैँ।
धर्मनगरी डलमऊ में बंदर बहुतायत हैं। पेशे से राज्य सभा टीवी में पत्रकार अंशुमान कहते हैं वो कुछ दिनों से देख रहे थे कि आवारा पशुओं का व्यवहार हिंसक होता जा रहा था और इसकी वजह थी भूख। फिर उन्होंने इन जानवरों की भूख मिटाने का प्रण किया और यह बदस्तूर जारी है। मुराई बाग़ से डलमऊ के बीच में उन्हें जो भी बेसहारा जानवर मिलते हैं, उन्हें वह रुक-रुक कर खाना खिलाते हैं।
अंशुमान कहते हैं, देशभर में लॉकडाउन जारी है। हम सब जानते हैं कि लॉकडाउन का सही से पालन करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह सिर्फ हमारी नहीं बल्कि दूसरों की ज़िंदगी की भी बात है। वैसे यह भी सत्य है कि लॉकडाउन की वजह से जो परेशानी जरूरतमंद लोगों को हो रही है है, उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।