New Delhi, Anshuman Suman: गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं और हिरासत में लिए गए नेताओं को धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि बाकी नेताओं को छोड़ने के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई जा सकती।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की स्थाई संसदीय समिति की बैठक में सांसदों ने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उनकी टीम के अधिकारियों से जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति और हालात सामान्य करने के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर सवाल पूछे।
स्थाई समिति की यह पहली बैठक
अनुच्छेद-370 समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के पांच अगस्त के फैसले के बाद गृह मामलों की स्थाई समिति की यह पहली बैठक थी। सूत्रों के मुताबिक, गृह सचिव ने सांसदों को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, स्कूल खुल गए हैं और सेब का कारोबार हो रहा है।
हिरासत में लिए गए नेताओं को लेकर पूछे गए सवाल पर भल्ला और उनकी टीम के अधिकारियों ने कहा कि नेताओं को धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों से पूर्व मुख्यमंत्री और श्रीनगर के सांसद फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ 17 सितंबर को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) में आरोप लगाए जाने के बारे में पूछताछ की।
अधिकारियों ने कहा कि पीएसए के तहत जिन्हें हिरासत में लिया गया है वे इसे ट्रिब्यूनल में चुनौती दे सकते हैं और उसके आदेश से अंसतुष्ट होने पर हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं। समिति के सदस्यों ने पूर्व उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के लंबे समय से हिरासत में रखे जाने पर भी नाराजगी जताई।
जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद अब संसाधनों और देनदारियों का बंटवारा करने के लिए केंद्र ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है। 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हो गया।
आनंद शर्मा की अगुआई वाली संसदीय समिति को भल्ला ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 84 के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच संसाधनों, अधिकारों और दायित्वों के बंटवारे के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के शेष पांच महीनों के लिए चौदहवें वित्त आयोग में आवंटित निधि का 70 फीसद जम्मू-कश्मीर को और 30 फीसद लद्दाख को दिया जाएगा।