नई दिल्ली से अंशुमान सुमन: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन के विरोध में भले ही पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबार ठप कर दिया है, लेकिन यह फैसला उसे ही महंगा पड़ रहा है। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक इस फैसले से पहले ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे देश को और संकट झेलना पड़ सकता है। ऑल पाकिस्तान टेक्सटाइल प्रॉसेसिंग मिल्स असोसिएशन के पूर्व चेयरमैन सलीम पारेख ने कहा, ‘भारत का सामान चीन और कोरियाई प्रॉडक्ट्स के मुकाबले 30 से 35 पर्सेंट तक सस्ता होता है। इसके अलावा अन्य देशों के मुकाबले आने में वक्त भी कम लगता है। यही नहीं माल ढुलाई का खर्च भी अन्य देशों से कम रहता है।’
हालांकि इसके बाद भी पाकिस्तान की इंडस्ट्री का कहना है कि भले ही नुकसान की स्थिति है, लेकिन देश के फैसले के साथ हैं। पाकिस्तान होजरी मैन्युफैक्चरर्स ऐंड एक्सपोर्ट्स असोसिएशन के चेयरमैन जावेद बिलवानी ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर काफी हद तक भारत के केमिकल्स और डाई पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि भारत से कारोबार प्रतिबंधित किए जाने के बाद अब दुबई के रास्ते से भारत का सामान आ सकता है। इसकी वजह यह है कि भारतीय प्रॉडक्ट्स चीन और कोरिया के मुकाबले 15 से 20 फीसदी तक सस्ते हैं।
एफबी एरिया असोसिएशन ऑफ ट्रेड ऐंड इंडस्ट्री के चेयरमैन खुर्शीद अहमद ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर अब चीन और पूर्वी एशियाई देशों से आयात करेगा, लेकिन यह महंगा पड़ता है। इसके अलावा पाकिस्तान चाय का भी भारत से बड़े पैमाने पर आयात करता है। अब पाकिस्तान को इसके विकल्प के लिए वियतनाम और अफ्रीकी देशों का रुख करना होगा।
पाकिस्तान के जोडिया बाजार को लेकर उन्होंने कहा कि अब भी भारत की बनी आर्टिफिशल जूलरी, कॉस्मेटिक्स, साबुन, फेस वॉश आदि दूसरे चैनल से आ सकते हैं। दिलचस्प यह है कि पुलवामा अटैक के बाद भी पाकिस्तानी कारोबारियों ने भारत के प्रॉडक्ट्स को बेचने से बॉयकॉट किया था। इसके बावजूद पाकिस्तान के बाजार में इंडियन प्रॉडक्ट्स धड़ल्ले से बिक रहे थे। साफ है कि इस बार भी सस्ते के चलते भारत के प्रॉडक्ट्स पाकिस्तान के बाजार में दिख सकते हैं।