Saurabh Arora, MP Bureau: मध्य प्रदेश की धर्मधानी और मंदिरों के शहर के रूप में ख्यात उज्जैन में इन दिनों सबुकछ थम-सा गया है। लॉकडाउन के कारण मंदिरों में भी बहुत कुछ बदला है। कालभैरव मदिर में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां रोजना सैकड़ों भक्त बाबा को मदिरा का भोग लगाने आते थे। कई लीटर मदिरा का भोग रोज लगता था, मगर अब केवल शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही मदिरा ही चढ़ाई जा रही है। प्रसाद (चढ़ावे के बाद बची मदिरा) से पुजारी गर्भगृह सैनिटाइज कर रहे हैं। राजाधिराज भगवान महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव को नित्य सुबह व संध्या आरती में मदिरा का भोग लगाया जाता है। लॉकडाउन में भी यह परंपरा कायम है।
मदिरा में डेटॉल लिक्विड भी मिलाया जा रहा
पुजारी धमेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार सुबह व रात में 9 बजे आरती के समय भगवान को मदिरा का भोग लगाया जाता है। प्रशासन द्वारा भोग के लिए मदिरा का इंतजाम किया जा रहा है। भगवान को भोग लगाने के बाद बचे प्रसाद का उपयोग मंदिर के गर्भगृह को सैनिटाइज करने के लिए किया जा रहा है। मदिरा में डेटॉल लिक्विड भी मिलाया जा रहा है।