राज्य

इल्तिजा मुफ्ती की गुहार, SSG नहीं चाहिए, सुरक्षा कवर हटा ले सरकार

The Freedom News, Srinagar: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को सरकारी सुरक्षा वापस लेने की गुहार लगाई है। उन्होंने सरकार से कहा कि उन्हें सुरक्षा कवर की कोई जरूरत नहीं है, सरकार उसे हटा ले। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें एसएसजी नहीं चाहिए। इल्तिजा ने बताया कि वह इसके लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों को पत्र लिख रही हैं।


बता दें कि इससे पहले, इल्तिजा को अपने नाना और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की चौथी बरसी के दिन उनकी कब्र पर जाने से रोक दिया गया था। उन्होंने 7 जनवरी को अधिकारियों से अपने नाना की कब्र पर जाने की इजाजत मांगी, जिसे फिर नामंजूर कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं।

मीडिया से बातचीत में इल्तिजा ने कहा, ‘मुझे कोई एसएसजी (स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप) नहीं चाहिए। मेरे आंदोलन को रोकने के लिए अधिकारियों को यह बहाना मिल गया है। मैं अब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिख रही हूं कि मेरी सुरक्षा हटाई जाए।’

‘पूर्व सीएम की नातिन से ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता’
इल्तिजा ने कहा, ‘एक पूर्व मुख्यमंत्री की नातिन के साथ इस तरह का व्यवहर नहीं किया जा सकता। इस देश में क्या मुस्लिम होना गुनाह है?’ इल्तिजा ने कहा कि उनकी मौसी रुबाया सईद की सुरक्षा हटा दी गई है, इससे वे चिंतित हैं। जब इल्तिजा के नाना मुफ्ती मोहम्मद सईद साल 1989 में देश के गृहमंत्री थे, तब उनकी बड़ी बेटी रुबाया को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था और उन्हें छुड़वाने के लिए सरकार को पांच आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था।

इल्तिजा ने कहा, ‘मेरी मौसी का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। लगता है कि उन्हें इस तथ्य पर कोई ध्यान नहीं दिया और बिना किसी कारण के उनकी सुरक्षा हटा ली।’ बता दें कि भारतीय संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद 5 अगस्त से जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की तरह ही महबूबा मुफ्ती भी हिरासत में हैं।

मुफ्ती को एमए रोड स्थित सरकारी बंगले में रखा गया है। फारूक को गुपकार रोड स्थित उनके घर में नजरबंद किया गया है, जबकि उमर को हरिनिवास में रखा गया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि जब भी स्थानीय प्रशासन को लगेगा कि हालात बेहतर हैं, तब पूर्व मुख्यमंत्रियों को रिहा किया जाएगा।

द फ्रीडम स्टॉफ
पत्रकारिता के इस स्वरूप को लेकर हमारी सोच के रास्ते में सिर्फ जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता ही बाधा है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें।
https://thefreedomsnews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *