Ajay Singh, Indore: एक अप्रैल को टाटपट्टी बाखल में संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग जांच करने गई मेडिकल टीम पर वहां के लोगों ने पत्थरबाजी की थी। बाद में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को समझाइश दी, जिसके बाद वे स्क्रीनिंग कराने को तैयार हुए। जांच में इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे। इनमें से कुछ तो अस्पताल में इलाज के बाद स्वस्थ भी हो गए हैं। रविवार को फिर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम टाटपट्टी बाखल पहुंची और लोगों की स्क्रीनिंग की। टीम में शामिल कंपेल की डॉ. श्वेता जैन और राऊ की डॉ. गरिमा मंडलोई ने बताया कि स्क्रीनिंग की शुरुआत क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवियों से हुई।
इसके बाद टीम ने टाटपट्टी बाखल की गलियों में घूमकर लोगों की स्क्रीनिंग की। इस दौरान क्षेत्र की महिलाएं और पुरुषों ने अपने घरों के दरवाजे पर ही खड़े होकर तालियां बजाकर स्वागत किया। डॉ. जैन ने बताया कि लोग टीम के सवालों के जवाब देने को लेकर भी उत्साहित नजर आए। कुछ ने बताया कि वे जमात में गए थे, इसलिए उन्हें कोरोना के संक्रमण की आशंका है। कुछ ने अंतिम संस्कार में कब्रिस्तान जाने की बात भी बताई। इन सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 85 लोगो ऐसे थे जिन्हें आइसोलेशन की आवश्यकता थी। इन सभी को होम क्वारंटाइन होने और आइसोलेशन सेंटर जाने का विकल्प दिया गया। डॉ. जैन ने बताया कि करीब 40 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया जबकि शेष को प्रशासन की टीम ने आइसोलेशन सेंटर रवाना कर दिया।
टीम के सदस्यों के मुताबिक जिन लोगों को रविवार को आइसोलेट किया गया, उनमें से ज्यादातर की ट्रैवल हिस्ट्री मिली है। कोई अजमेर गया था तो किसी का कोई करीबी रिश्तेदार। टीम के सदस्यों ने सर्दी-खांसी की शिकायत बता रहे लोगों को दवाइयां भी बांटीं। टीम के एक सदस्य ने बताया कि टाटपट्टी बाखल में कुछ परिवार ऐसे भी मिले जिनमें एक से ज्यादा सदस्यों को आइसोलेशन की जरूरत है।