नज़रिया

इरफ़ान का आख़िरी ख़त… “जैसे ही मैं हॉस्पिटल के अंदर जा रहा था मैं खत्म हो रहा था”

अभी कुछ वक्त पहले ही तो पता चला था मुझे ये नया सा शब्द “हाई-ग्रेड न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर”, मेरे लिए एकदम नया नाम. डॉक्टर प्रयोग करते रहे , इलाज करते रहे, लंदन अमेरिका और मुंबई, मैं इस नयी बीमारी के प्रयोग का हिस्सा बन गया था। डॉक्टर्स ने तो सांत्वाना भी दी थी कि मैं ठीक […]