हिन्दी ने हमें विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिन्दी हमारी ‘राष्ट्रभाषा’ भी है। वह दुनियाभर में हमें सम्मान भी दिलाती है। हिंदी भाषा है हमारे सम्मान,स्वाभिमान और गर्व की। हिन्दी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।
हिन्दी दिवस भारत में हर वर्ष ’14 सितंबर’ को मनाया जाता है। हिन्दी हिंदुस्तान की भाषा है। राष्ट्रभाषा किसी भी देश की पहचान और गौरव होती है। हिन्दी हिंदुस्तान को बांधती है। इसके प्रति अपना प्रेम और सम्मान प्रकट करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।
हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिन्दी दिवस भारत में हर वर्ष ’14 सितंबर’ को मनाया जाता है। विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिन्दी हमारी ‘राष्ट्रभाषा’ भी है। भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, परन्तु वर्तमान भारतीय संविधान में 19 प्रादेशिक भाषाओं को भारतीय भाषा के रूप में मान्यता मिली है । इन भाषाओं में हिन्दी भारतवर्ष में सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा है । यह भाषा है हमारे सम्मान, स्वाभिमान और गर्व की। हिन्दी ने हमें विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। हम आपको बता दें कि हिन्दी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर बहुत अधिक संस्कृतियाँ पाई जाती हैं। इन संस्कृतिक भिन्नता की वजह से कई तरह की भाषाएँ भी सम्मिलित होती है। इतनी भाषाओँ के होने की वजह से यहाँ के औपचारिक कार्यों में यह तय कर पाना कठिन हो जाता है कि किस भाषा में सभी औपचारिक कार्य किये जाएँ। इसी वजह से हिंदी को एक मुख्य भाषा के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गई है।
हिंदी दिवस कब मनाया जाता है | हिंदी दिवस कब मनाते हैं
हिन्दी दिवस भारत में हर साल ’14 सितंबर’ को मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 14 सितंबर मंगलवार के दिन मनाया गया है। वर्ष 2022 में, 14 सितंबर बुधवार के दिन मनाया जायेगा।
हिंदी दिवस का इतिहास | हिंदी दिवस की शुरुआत
भारत एक विशाल देश है। प्राचीनकाल से यहाँ धर्म, भाषा तथा संस्कृति में विविधता होने के बावजूद भारतवासी परस्पर मिल-जुलकर रह रहे हैं। भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन् 1953 से संपूर्ण भारत में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है | हिंदी दिवस क्यों मनाते है
हिंदी दिवस को मनाना आज के समय में बहुत अनिवार्य हो गया है। आज के समय में लोग सिर्फ अंग्रेजी पर ही ध्यान दिया जाता है। लोगों के बीच सिर्फ उन्हीं लोगों को पढ़ा लिखा माना जाता है जो लोग अंग्रेजी बोल पाते हैं और लिख पाते हैं। कई जगहों पर तो हिंदी बोलने वाले व्यक्तियों के स्टेट्स पर बहुत फर्क पड़ने लगता है। किसी भी भाषा के साथ उसकी संस्कृति जुडी होती है। हमारे भारत की संस्कृति का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। जो भी भारतीय इस सांस्कृतिक इतिहास को पूर्ण रूप से नहीं अपनाता है वह भी पूर्ण रूप से भारतीय नहीं होता है।
अत: हमें अपनी संस्कृति को समझने के लिए हिंदी को जानना बहुत जरूरी होता है। देश के लोगों को आज तक अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं किया है। कई बार लोग अंग्रेजी भाषा को बोलते समय हिंदी का सहारा लेते हैं। अगर किसी व्यक्ति को हिंदी अच्छी तरह से आती है तो वह किसी भी स्थान पर हिंदी का प्रतिष्ठित रूप से प्रयोग कर सकता है। हिंदी में ऐसी बहुत सी रचनाएँ हुयी हैं जिन्हें पढकर और उन पर अम्ल करके व्यक्ति के जीवन को बदला जा सकता है। इस तरह की रचनाओं को पढने और समझने के लिए हिंदी को सीखना बहुत जरूरी होता है। हिंदी भाषा से राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखा जा सकता है।
हिंदी दिवस उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी भाषा हमारे देश की अधिकारिक भाषा बनी थी। हिंदी दिवस को जो अंग्रेजी भाषा से प्रभावित हैं उनके बीच हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच में इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इससे युवाओं को अपने पूर्वजों के इतिहास को याद दिलाया जा सकता है। इस बात से किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम कहाँ तक पहुंच गये हैं और हम क्या करते हैं। अगर हम अपने देश के इतिहास को जान लेंगे तो हम देश की पकड़ को मजबूत बना सकते हैं। हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाने से भारतीय संस्कृति को संजोया जा सकता है और हिंदी भाषा का सम्मान भी किया जा सकता है।
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