नज़रिया

प्रकृति को मान दिलाने के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण लोकनायक के रूप में स्थापित हुए- राजेंद्र वैश्य

पर्यावरण संरक्षण की चेतना वैदिक काल से ही प्रचलित है। प्रकृति और मनुष्य सदैव से ही एक दूसरे के पूरक रहे हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना नही की जा सकती है। वैदिक काल के ध्येय वाक्य “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की अभिधारणा लिए प्रकृति और मनुष्य एक दूसरे की सहायता करते थे। प्रकृति सदैव […]

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अगर हम आजादी के सात दशक बाद विशेष रूप से गणतंत्र नहीं हैं तो फिर हमारा भविष्य क्या है? -आकार पटेल

भारत सरकार दो राष्ट्रीय छुट्टियों के उत्सवों का नेतृत्व करती है। एक है स्वतंत्रता दिवस, जो 15 अगस्त को होता है और दूसरा है गणतंत्र दिवस, जो 26 जनवरी को मनाया जाता है। पहले उत्सव को हम पहले ब्रिटिश राज के खात्मे और भारतीयों को सत्ता मिलने के उत्सव के तौर पर मनाते हैं। हालांकि […]

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“मुस्लिम षड्यंत्रकारियों द्वारा उत्तर भारत में ‘मुस्लिम पट्टी’ तैयार करने का नापाक मंसूबा”

देश में मुस्लिम तबके की आबादी तेजी से बढ़ी है, जबकि कई क्षेत्रों में पहले से मौजूद दूसरे मतावलंबियों की आबादी घटती गई। ज्यादा जागरूक होने के चलते अन्य मतों के लोग स्वत: प्रेरित दो बच्चा नीति का पालन करते रहे, जबकि मुस्लिम घुसपैठिए अपनी आबादी तेजी से बढ़ाते रहे। देश मुस्लिम षड्यंत्रकारियों द्वारा उत्तर […]

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Environment Day: पेड़ नहीं लगा सकते तो मत लगाओ, लेकिन काटो भी मत- राजेंद्र वैश्य

पूरी मानव सभ्यता कोरोना वायरस महामारी के कहर से जूझ रही है और दुनिया ग्लोबल वार्मिंग जैसी चिंताओं से रूबरू है। लोगों को पर्यावरण की अहमियत,इंसानों व पर्यावरण के बीच के गहरे सम्बन्धों को समझते हुए प्रकृति, पृथ्वी,वृक्षारोपण एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए जागरूक होना होगा। आज कोरोना महामारी के समय में हमने यह […]

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‘हजारों झूठ मिलकर भी नेहरू जी के विशाल कद को बौना नहीं कर सकते’ – भूपेंद्र सिंह हुड्डा

आज के ही दिन 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू हम सबको छोड़कर चले गए थे। वह हमारे जीवन में इतने अधिक रचे-बसे हुए थे कि हमारे दिल और दिमाग से इस सच्चाई को मिटाना मुश्किल था कि अब वह नहीं रहे। जब भी मैं भाखड़ा नहर और हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के हरे-भरे खेतों को […]

बैंका का एन पी ए 1 लाख 40 हज़ार करोड़ बढ़ा, बैंकर और ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर
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अस्पतालों का हाल भगवान भरोसे है, जिसे भगवान बनाते रहे वह चुनाव भरोसे हैं : रवीश कुमार

अस्पताल और श्मशान में फ़र्क़ मिट गया है। दिल्ली और लखनऊ का फ़र्क़ मिट गया है। अहमदाबाद और मुंबई का फ़र्क मिट गया है। पटना और भोपाल का फ़र्क़ मिट गया है। अस्पतालों के सारे बिस्तर कोविड के मरीज़ों के लिए रिज़र्व कर दिए गए हैं। कोविड के सारे गंभीर मरीज़ों को अस्पताल में बिस्तर […]

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साहेबान! जनता कराह रही, संभालो नहीं तो पश्चाताप भी नहीं कर पाओगे

दिल्ली से मुंबई और पंजाब से लेकर यूपी तक| चहुँओर हाल खराब है| अस्पतालों में बिस्तर नहीं| बिस्तर है तो डॉक्टर नहीं| श्मशान पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं| आश्चर्यजनक रूप से जांचें कम हो रही हैं| अन्य रोगों के शिकार मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं किये जा रहे| क्योंकि उनके पास कोविड निगेटिव […]

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पठनीय आलेख: कोरोना काल में क्या करें?

70के दशक में हैजा भी महामारी के रूप में पूरे विश्व में फैला था, तब किसी ने ओशो से प्रश्न किया था कि इस महामारी से कैसे बचें। ओशो के उत्तर पढ़ें आज भी उतना ही सटीक और प्रासंगिक है – उन्होंने कहा “यह प्रश्न ही आप गलत पूछ रहे हैं, प्रश्न ऐसा होना चाहिए […]

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नारी जाति के प्रति पूर्ण अपनत्व और आदर का भाव रखना ही नवरात्रि: राजेंद्र वैश्य

मां दुर्गा के नौ स्वरूप माने गए हैं, लेकिन वह विविध रूपों में हमारे आस-पास विद्यमान रहती है। मां, बहन,पुत्री एवं पत्नी के रूप में वह सदा हमारे साथ चलती है, हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है,हमारा मार्ग प्रशस्त करती है। दुर्गा नारी शक्ति का ही प्रतीक है, उनके सभी रूप जीवन […]

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अमीर देशों के स्वार्थ ने पूरी दुनिया को खतरे में डाला, उपभोक्तावाद से मनुष्यों में पनपा कोरोना वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 चीन की किसी प्रयोगशाला से दुनिया भर में नहीं फैला, बल्कि इसके वायरस चमगादड़ों से किसी जंगली जानवर तक पहुंचे और फिर इसका मनुष्यों में विस्तार हुआ। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक किये जाने के दिन ही नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन नामक जर्नल में प्रकाशित एक शोध के […]