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Big News: वैक्‍सीन की 100 करोड़ डोज लगाने के अहम पड़ाव को पार कर इतिहास रचेगा भारत, जश्न की तैयारी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ नौ महीने पहले शुरू हुए टीकाकरण अभियान में भारत इतिहास बनाने के कगार पर खड़ा है। भारत गुरुवार को 100 करोड़ डोज लगाने के आंकड़े को पार करने के साथ ही दुनिया के सामने मिसाल पेश करेगा। कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद भारत को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं जताई गई थीं। 130 करोड़ से ज्यादा की आबादी में सभी पात्र लोगों को टीका लगाने के मैराथन काम को लेकर भारत की क्षमता पर सवाल खड़े किए गए थे। टीके की उपलब्धता को लेकर भी आशंका जताई गई थी। गुजरते वक्त के साथ भारत ने न सिर्फ इन सभी आशंकाओं झुठलाते और सवालों को गलत ठहराते हुए अपने नागरिकों को टीके का सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने की राह पर तेजी से आगे बढ़ता रहा बल्कि अब एक अरब डोज लगाने के मील के पत्थर को पार करने की दहलीज पर खड़ा है।

भारत का टीकाकरण अभियान इस साल 16 जनवरी को शुरू हुआ था। पहले चरण में तीन करोड़ डाक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण शुरू किया गया था। आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित और उत्पादित कोवैक्सीन के साथ टीकाकरण का सफर शुरू हुआ। जैसे टीके का उत्पादन बढ़ता गया, टीकाकरण के सफर में विभिन्न समूह जुड़ते गए।

एक मार्च से 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों और 45-60 वर्ष के बीच पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों का टीकाकरण शुरू किया गया था। इनमें शुगर और उच्च रक्तचाप जैसी 20 गंभीर बीमारियां शामिल थीं। एक अप्रैल से 45 साल से अधिक के सभी लोगों और एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया था।

केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर तक सभी वयस्क लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। इनकी जनसंख्या करीब 94 करोड़ है। इसके लिए कुल 188 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी। उत्पादन बढ़ने के साथ ही पर्याप्त डोज की व्यवस्था हो भी गई है। बुधवार रात आठ बजे तक 70.40 करोड़ लोगों को पहली डोज और 29.13 करोड़ लोगों को दूसरी यानी दोनों डोज लगाई जा चुकी थीं।

द फ्रीडम स्टॉफ
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